दिल्ली न्यूज़: दिवाली के मौके पर दिल्ली वाले 70 करोड़ रूपए से ज्यादा की शराब पी गए। सूत्रों ने बताया कि दिवाली के लिए लोगों ने शराब की अग्रिम खरीदारी की, जिसके चलते 22 अक्तूबर को करीब 15 लाख और 23 अक्तूबर को करीब 20 लाख शराब की बोतलें बेची गईं। जबकि इस महीने सामान्य दिनों में रोजाना औसतन 12 लाख शराब की बोतलों की बिक्री हुई है। दिवाली के दिन ड्राई-डे के चलते लोगों ने शराब की एडवांस खरीदारी की। सबसे ज्यादा बिक्री व्हिस्की की हुई है। विवादों के चलते वापस हो चुकी आबकारी नीति 2021-22 के बाद पुरानी व्यवस्था में लौटने पर दिल्ली सरकार को शराब बिक्री से 1 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक करीब 790 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। पुरानी व्यवस्था के तहत अभी दिल्ली के चार सरकारी निगम मिलकर शराब की बिक्री कर रहे हैं। यह सरकारी निगम मिलकर अभी 450 वाइन और बीयर की दुकानें चला रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है आने वाले दिनों में 1000 ब्रांड के शराब उपलब्ध होंगे और भी ज्यादा दुकानें खुलेंगी। जिससे बिक्री और कमाई दोनों बढ़ेगी। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक सितंबर से शुरू हुई इस व्यवस्था में 25 अक्तूबर तक 1200 करोड़ रुपए का आबकारी से राजस्व आया है। इसमें लाइसेंस शुल्क और आबकारी शुल्क भी शामिल है। शराब की दुकानों पर इस दौरान हर दिन करीब 9 लाख से 12 लाख बोतलें बिकी हैं। आने वाले दिनों में इसके बढऩे की उम्मीद है। अब तक करीब 926 होटल, क्लब और रेस्तरां के शराब लाइसेंस रिन्यू हो गए हैं।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में अभी 450 शराब की दुकाने खुली हैं। सरकार ने सितंबर में 500 शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी थी, जो इस महीने पूरी हो जाएगी। इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 700 किया जाएगा। आबकारी विभाग ने कई प्रीमियर दुकानें और शॉपिंग मॉल में शराब की छह स्टोर खोलने की योजना भी बनाई है। आबकारी नीति 2021-2022 के तहत प्राइवेट दुकानों से हर रोज करीब 13 से 14 लाख शराब की बोतलों की बिक्री होती थी। इस नीति को जुलाई में सरकार ने वापस ले लिया था। असल में, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस नीति की सीबीआई से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। इस आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने सितंबर से पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री का ऐलान किया था। इसके तहत चार उपक्रम दिल्ली में शराब की दुकानें चला रहे हैं। जिनमें दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी), दिल्ली राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएस) और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) शामिल हैं।