दिल्ली: कारोबारियों को केजरीवाल सरकार की 'नाइट इकोनॉमी' को लेकर संदेह

Update: 2022-03-26 16:47 GMT

दिल्ली बजट स्पेशल: राष्ट्रीय राजधानी के कई व्यापारी संघों ने शनिवार को पेश दिल्ली सरकार की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति 'खराब' है और एक समय के बाद व्यवसाय और दुकानें खोलना सुरक्षित नहीं है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 'रोजगार बजट' पेश करते हुए एक इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना और राजधानी में रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था, खुदरा एवं थोक बाजारोंको बढ़ावा देकर पांच साल में 20 लाख नौकरियां पैदा करने की घोषणाएं की हैं।  बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा कि रात के समय की आर्थिक गतिविधियां पुलिस पर भारी बोझ डालेंगी। मेहरा ने कहा, ''रात के समय की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के विचार से पुलिस पर बोझ बढ़ेगा और शहर में एक विशेष समय से ज्यादा देर तक दुकानें खोलना सुरक्षित नहीं है। यदि दिन में ही व्यवसाय नहीं है, तो रात के समय दुकानों को खोलने का क्या उद्देश्य है।''

रोजगार सृजन के बारे में मेहरा ने कहा कि बाजार अभी भी कोविड-19 के कारण बंदी के दुष्प्रभाव से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, ''हम तब तक रोजगार सृजन की उम्मीद नहीं कर सकते जब तक कि बाजार की स्थिति कोविड से पहले की अवस्था में वापस नहीं आ जाती।'' इस राय से सहमति जताते हुए नेशनल दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि दुकानों को रात 11 बजे के बाद खुला रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आमतौर पर इस दौरान कोई बिक्री नहीं होती है। भार्गव ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को बाजारों के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देना चाहिए। अपने ''रोजगार बजट'' की योजना के तहत, केजरीवाल सरकार ने यह भी घोषणा की कि वह शहर में खुदरा और थोक बाजारों को बढ़ावा देने के लिए शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करेगी। इसके लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 250 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

  के अध्यक्ष दर्शन कक्कड़ ने कहा, ''यह अच्छा है कि सरकार इस तरह की पहल कर रही है क्योंकि अब बाजार खुल रहा है। कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा है और कारोबार बढ़ेगा। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं, पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी। हमें उम्मीद है कि ये पहल व्यवसायों को बेहतर बनाने में मदद करती है।'' इस बीच, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने बजट को'निराशाजनक'करार दिया है। सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ''यह दिल्ली के व्यापारिक समुदाय के प्रति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नकारात्मक रवैये को दर्शाता है और हम बजट की कड़ी निंदा करते हैं।'' 

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