दिल्ली(जसेरि)I नहीं, अभी तय नहीं हुआ कि लॉक डाउन लगाया जायेगा, मगर हालात और धीरे धीरे उठ रहे प्रशासनिक कदम इशारा कर रहे हैं कि लॉक डाउन की ओर बढ़ा जा रहा हैI यह संदेह से उपजा डर भी है और दिल्ली सरकार की चाल के अनुवाद भीI आंकड़ों की मानें तो कोविड और ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों की संख्या 24 घंटे में 5 हज़ार से ज्यादा हो गयीI टीकाकरण मात्र विकल्प दिखाई देता है जिससे जीवन बचाया जा सकता हैI लेकिन तमाम दावों के बावजूद महज 44 फीसदी लोगों को ही दोनों टीके लगाए जा सके हैं I और एकल डोज़ करीब 61 प्रतिशत भारतीयों को लगायी जा सकी हैI इसका अर्थ साफ़ है कि लाखों भारतीयों को अभी टीका लगना हैI मगर कैसे?
सरकारों को पंचायत स्तर तक सक्रिय रहकर उनकी जिम्मेदारी निश्चित करनी होगीI स्थानीय एनजीओ को भी शरीक करना होगा और देखना होगा कि सोशल मीडिया की उर्वरा शक्ति से फैलते मिथकों के जीवाणुओं को भी ख़त्म किया जाएI इतना टीकाकरण हो चुका, फिर भी अफवाहों की बाम्बियों से चाहे गए मिथकों को फैलाने का क्रम जारी हैI इनमें कहा जा सकता है कि टीका हानिकारक हैI इस हद तक कि यह मनुष्य की प्रजनन क्षमता को भी आहत कर सकता हैI यह और बात है कि इस तरह की कोई रिसर्च अब तक सामने नहीं आयी हैI
दिल्ली सरकार ने सप्ताहांत कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की हैI उनके मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा भी कि फिलहाल सिर्फ कर्फ्यू लगाया जा रहा है, लॉक डाउन नहीं लगेगीI मगर शहर के रेहड़ियों से लेकर छोटा व्यापार करने वालों को भरोसा नहीं आ रहा, करना पड़ रहा हैI वे तो यह कह रहे हैं - "वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं विश्वास न करता तो क्या करताI"
कर्फ्यू की घोषणा के साथ ब-मुश्किल लौट रहे विश्वास को पढ़ा जा सकता हैI हाँ! यह सही है कि देशवासियों के जीवन को बचाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे, लेकिन इस बारे में सोचना होगा जैसा ब्रिटेन की संयुक्त टीकाकरण कमेटी के प्रमुख सर एंड्रू पोलार्ड का कहना है कि 6 महीने में पूरी दुनिया को टीका नहीं लगाया जा सकताI वे ब्रिटेन में चौथी डोज़ लगाए जाने के पक्ष में नहींI मगर हमारा देश तीसरी यानि बूस्टर डोज़ की तयारी कर रहा हैI