Delhi: इस बार मस्जिदों के इमाम और मौलाना 'आप' सरकार की बढ़ा सकते हैं टेंशन
दिल्ली चुनाव से पहले AAP की टेंशन बढ़ाएंगे इमाम
दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल की टेंशन और बढ़ सकती है। इस बार मस्जिदों के इमाम और मौलाना 'आप' सरकार की टेंशन बढ़ा सकते हैं। करीब डेढ़ साल से सैलरी नहीं मिलने के चलते इमामों ने केजरीवाल के घर के बाहर धरना देने का प्लान बनाया है।
दिल्ली वक्फ इमाम की तरफ से मौलाना साजिद रशीदी ने शनिवार को कहा, ''20 दिन पहले हम दिल्ली की सीएम आतिशी से मिले थे, उन्होंने 3-4 दिन इंतजार करने को कहा था, उसके बाद वो हमारी सैलरी रिलीज कर देंगी। हमने गोपाल मोहन से कहा कि अरविंद केजरीवाल से हमारी मीटिंग करवा दें, क्योंकि वह शायद वो कर पाएं जो आतिशी नहीं कर सकतीं, लेकिन वो भी नहीं हुआ।''साजिद रशीदी ने आगे कहा, ''हम परसों फिर यहां आए थे। गोपाल मोहन ने हमें दो दिन बाद आने और हमारी अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करवाने को कहा था। आज वो हमसे एक और हफ्ता इंतजार करने को कह रहे हैं। हमें इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 3 या 4 जनवरी को चुनाव की घोषणा होने वाली है और उसके साथ ही आचार संहिता लग जाएगी। उसके बाद ग्रांट नहीं मिल सकती। हम कह रहे हैं कि कम से कम ग्रांट तो रिलीज कर दें, लेकिन वो इसके लिए भी तैयार नहीं हैं। करीब 240 लोग पिछले 17 महीने से बिना सैलरी के हैं। हम कल तक इंतजार करेंगे, अगर कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया तो परसों आकर धरना देंगे।''
17 महीनों से नहीं मिला इमामों का वेतन: बता दें कि, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रसीदी के नेतृत्व में गुरुवार को दिल्ली वक्फ इमाम पिछले 17 महीनों से रुकी अपनी सैलरी जारी करने की मांग को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान मौलाना साजिद रसीदी ने कहा था हम 17 महीने से रुकी हुई अपनी सैलरी जारी करने की मांग लेकर यहां आए हैं। करीब 250 इमाम वेतन नहीं मिलने से परेशान हैं। उनका वेतन सिर्फ 18000 रुपये प्रति माह है, जो पिछले 17 महीनों से रुका हुआ है।
गौरतलब है कि, दिल्ली विधानसभा के लिए फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 तक है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है।