फार्महाउस की फर्जी रजिस्ट्री में उलझी दिल्ली पुलिस!

Update: 2023-08-10 05:54 GMT

दिल्ली के महरौली स्थित सब-रजिस्टार कार्यालय में फतेहपुरबेरी स्थित बी-16 असोला गांव फार्महाउस की गलत सबूत के आधार पर हुई रजिस्ट्री (सेल डीड) दक्षिण जिला पुलिस के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। इस फार्म हाउस को पांच बार बेचने व कब्जाने की कोशिश की गई, मगर वर्ष 2000 में हुई फर्जी रजिस्ट्री आज भी सब-रजिस्टार के कार्यालय के रिकार्ड में है।

इस फार्महाउस की ओरिजनल रजिस्ट्री भी है। यानी एक ही फार्महाउस की दो-दो रजिस्ट्री है। बीते 23 साल से इस मामले में पुलिस उलझ़ी हुई है। दिल्ली पुलिस अब सब-रजिस्टार कार्यालय को इस रजिस्ट्री को रद्द करने के लिए पत्र लिखने जा रही है। बताया जा रहा है कि रजिस्ट्री जब हो जाती है वह रिकार्ड से हटती नहीं है, भले ही व गलत कागजात पर हुई हो।

दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने 71 वर्षीय बहन सुपर्णा सेठी व उसके 63 वर्षीय भाई सूर्यकांत को फार्महाउस को फर्जी तरीके से बेचने व कब्जाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अमर उजाला संवाददाता से मामले की पड़ताल की तो कई रोचक तथ्य सामने आए।

नीदरलैंड की महिला के फार्म हाउस की बनी फर्जी रजिस्ट्री

रेखा लक्ष्मण सिंह नीदरलैंड (62) में रहती हैं। वह नीदरलैंड की बड़ी व्यवसायी हैं। उनका फतेहपुरबेरी में बी-16 असोला गांव में फार्महाउस है। ढाई एकड़ में फैले इस फार्महाउस की कीमत 30 करोड़ बताई जा रही है।

उन्होंने अपने भाई संदीप शर्मा को फार्महाउस की पावर ऑफ अटार्नी दे रखी है। दिलीप सेठी ने अपने साथी आरबी अग्रवाल और सेवा सिंह के साथ इस फार्महाउस की वर्ष 2000 में फर्जी रजिस्ट्री बनवाई। इस रजिस्ट्री से फार्महाउस को बेचने व कब्जाने की कोशिश की।

संदीप शर्मा ने महरौली थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने सेवा सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। दिलीप सिंह व आरबी अग्रवाल भगोड़ा घोषित हो गए थे। वर्ष 2006 में दिलीप सिंह गिरफ्तार हो गया। कुछ महीने बाद उसकी जमानत हो गई।

2021 में फिर बेचने की कोशिश

पीड़ित रेखा लक्ष्मण सिंह के पास नवंबर, 2021 में बिजली के बिल के मोबाइल पर मैसेज आने बंद हो गए। बीएसईएस से पता लगा कि सुपर्णा ने बिल अपने नाम करा लिया है। उसने बीएसईएस में जीपीए दी कि उसके पति ने फार्महाउस को मरने से पहले उसके नाम कर दिया था। संदीप शर्मा ने सितंबर, 2022 में एफआईआर दर्ज कराई।

मैदानगढ़ी थानाध्यक्ष राजीव देशवाल की देखरेख में इंस्पेक्टर संदीप मलिक व एएसआई पंकज राजौरा की टीम ने जांच शुरू की। पता लगा कि सुपर्णा ने फार्महाउस को छह, दो व ढ़ाई करोड़ में तीन अलग-अलग लोगों को बेचने की कोशिश की। आरोपी महिला ने इन तीन अलग-अलग लोगों से पैसे ले लिए।

सभी जगह से पीड़ित के पक्ष में फैसला आया

पीड़ित रेखा ने सिविल केस भी डाल दिया था। आरोपी सभी निचली अदालत से हाईकोर्ट तक केस हार गए थे। कोर्ट ने पीडि़ता के पक्ष में डिक्री कर दी थी कि फार्महाउस रेखा लक्ष्मण सिंह का है। वर्ष 2006 में दिलीप सेठी की मौत हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी केस लडऩे लगी। भाई सूर्यकांत साथ देता था। सेवा सिंह को भी जमानत हो गई तो वह भी गायब हो गया। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

दिल्ली पुलिस विभाग को पत्र लिखने जा रही हैं

दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस एकाध दिन में सब-रजिस्टार कार्यालय को पत्र लिखने जा रही है कि वर्ष 2000 से रिकार्ड में मौजूद फर्जी रजिस्ट्री को हटाया जाए। फार्महाउस की असली रजिस्ट्री भी है। फिर दो-दो रजिस्ट्री कैसे हैं। बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रार कार्यालय में जब कोई रिकार्ड बन जाता है उसे हटाना व हटवाना मुश्किल होता है।

ऐसे पकड़ी गई आरोपी महिला

आरोपी महिला ने बीएसईएस में जो रजिस्ट्री लगाई थी वह वर्ष 1995 में बनी थी। महिला ये भी कहा था कि उसके पति ने फार्महाउस उनके नाम कर दिया है। जबकि पति दिलीप सेठी ने फर्जी रजिस्ट्री 2000 में बनवाई थी। महिला फर्जी रजिस्ट्री बनवाने हुए पति की रजिस्ट्री की तारीख भूल गई।

इसके बाद पुलिस ने सुपर्णा सिंह व उसके भाई सूर्यकांत को गिरफ्तार कर लिया। दोनों इस समय जेल में है। इन्होंंने जिन तीन लोगों को बेचने की कोशिश की उन लोगों जब महरौली सब-रजिस्टार कार्यालय में जाकर पता किया तो वर्ष 2000 में बनी फर्जी रजिस्ट्री अभी रिकार्ड में है। उस समय दिलीप सेठी ने आरबी अग्रवाल को मालिक बताकर रजिस्ट्री करवाई थी।

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