दिल्ली: पुलिस ने कनाडा भेजने के नाम पर दो एजेंट व चार यात्री को फ्रॉड के मामले में किया गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम न्यूज़: विदेश भेजने के नाम पर ठगी का बड़ा रैकेट चलाने वाले एक गैंग का दिल्ली की आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने किया है। पुलिस ने चार यात्रियों के साथ ही ठगी का रैकेट चलाने वाले दो शातिर एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों की गिरफ्तारी से पुलिस ने चार मामलों को सुलझाने का दावा किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान जनकपुरी निवासी बलजिन्दर सिंह तेजा और पंजाब के मोहाली निवासी मनजिन्दर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस की जांच में पता चला कि ये दोनों ही आरोपित फर्जी तरीके से कनाडा का वीजा जारी करवाकर ठगी का कारोबार कर रहे थे। ये आरोपित पंजाब व गुजरात में स्थित अपने कुछ अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर कनाडा में सेटल होने की चाहत रखने वालों से रुपए ऐंठते थे। आईजीआई एयरपोर्ट डीसीपी संजय त्यागी ने बताया कि गत चार अप्रैल को आईजीआई एयरपोर्ट थाने में शिकायत मिली थी कि हरसिमरनजीत सिंह और प्रियंका नामक दो यात्री बिना अपने पासपोर्ट के बोर्डिंग गेट के पास पहुंचे थे। उन दोनों के हाथ में रमनलाल खोड़ीदास पटेल और शांतिबेन रमनलाल खोड़ीदास के नाम का बोर्डिंग पास था।
संदेह होने पर जब सीसीटीवी फुटेज चेक की गई तो पता चला कि इन दोनों ने इंटरनेशनल रिटेल एरिया में दो बुजुर्ग लोगों से ये ट्रेवल दस्तावेज लेते हुए दिखे। तत्काल चारों को ट्रेस कर पकड़ लिया गया और मामले में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू की गई। मामले में ठगी के रैकेट का पता चलने के बाद आईजीआई एयरपोर्ट एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में एसआई नीतू बिष्ट, एसआई राजकुमार और एएसआई प्रदीप की टीम को आरोपित एजेंटों की तलाश की जिम्मेदारी दी गई। पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपितों की तलाश शुरू की और एक आरोपित बलजिन्दर सिंह तेजा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने एक अन्य एजेंट राजबीर सिंह के साथ मिलकर प्रियंका और हरसिमरनजीत सिंह को कनाडा भेजने के लिए दोनों गुजराती बुजुर्ग दम्पत्ति पासपोर्ट पर फर्जी तरीके के कनाडा का वीजा उपलब्ध कराया था।
जिसके लिए लाखों रुपए दिए गए थे। आगे की पूछताछ में पता चला कि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड मनजिंदर सिंह उर्फ राजबीर है। जिसके खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपित का लोकेशन मोहाली में पाया। जिसके बाद पुलिस की टीम ने वहां लगातार छापेमारी कर उसे ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद इसने खुलासा किया कि वह एक अन्य गुजराती एजेंट अलकेश पटेल के साथ मिलकर यह रैकेट चला रहा था।