दिल्ली: 93 फीसद घरों तक दिल्ली में पाइप से पहुंच रहा पानी, प्रति व्यक्ति आय में तीसरा स्थान
दिल्ली: आॢथक समीक्षा 2021-22 के मुताबिक दिल्ली प्रति व्यक्ति आय के मामले में केंद्रशासित प्रदेश गोवा और सिक्किम के बाद तीसरे स्थान पर है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आॢथक समीक्षा रिपोर्ट पेश की और कहा कि मौजूदा कीमतों पर दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बीते छह वर्षों में करीब 50 फीसदी बढ़कर 2021-22 में 9,23,967 करोड़ रुपये हो गया जो 2016-17 में 6,16,085 करोड़ रुपये था। वहीं दिल्ली में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय सालाना आधार पर 16.81 फीसदी बढ़कर 4,01,982 रुपये हो गई। आॢथक समीक्षा के मुताबिक, 2021-22 में मौजूदा कीमतों पर दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 4,01,982 रुपये है जो 2020-21 में 3,44,136 रुपये थी। यह 16.81 फीसदी की बढ़त दिखाता है। समीक्षा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक है। आॢथक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली की जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) सालाना आधार पर 17.65 फीसदी बढ़कर 9,23,967 करोड़ रुपये हो गई है।
दिल्ली ने 2021-22 में 1,450 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दर्ज किया जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 0.04 फीसदी कम है। इसमें कहा गया, 2020-21 में दिल्ली का राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 0.18 फीसदी था जो 2021-22 में 0.14 फीसदी रहा। समीक्षा में बताया गया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 9,972.96 करोड़ रुपये रहा जो 2019-20 में 3,227.79 करोड़ रुपये था। रिपेार्ट में बताया गया कि 2021-22 में योजनाओं और परियोजनाओं के रूप में बजट के कुल आवंटन में सबसे अधिक 23.45 फीसदी हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की थी। इसके बाद शिक्षा की 19.52 फीसदी, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य की 13.74 फीसदी, सामाजिक सुरक्षा की 11.74 फीसदी, जलापूॢत तथा साफ-सफाई की 8.66 फीसदी, ऊर्जा की 8.53 फीसदी और आवास एवं शहरी विकास की 8.51 फीसदी थी। विनिर्माण से होने वाली दिल्ली की आय 2021-22 में बढ़कर 42,230 करोड़ रुपये हो गई जो 2011-12 में 18,907 करोड़ रुपये थी।
आॢथक सर्वेक्षण 2021-22 में कहा गया है कि दिल्ली में अब 93 प्रतिशत घरों में पाइप से जल की आपूॢत हो रही है और गर्मी के दौरान जल उत्पादन 953 मिलियन गैलन (एमजीडी) प्रति दिन बरकरार रखा गया है। उन्होने बताया कि इस साल दिल्ली में जलापूॢत की मांग बढ़कर 1505 एमजीडी होने वाली है जिसकी आपूॢत 1,200 एमजीडी रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्तमान में लगभग दो करोड़ लोगों को 15,041 किलोमीटर लंबे पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये जलापूॢत की जा रही है। इसके अलावा 125 भूमिगत जलाशयों से भी पानी की आपूॢत की जा रही है। इसमे कहा गया है कि सरकार 1,797 अनधिकृत कॉलोनियों में से 1583 में नियमित जलापूॢत कर रही है जबकि 602 ऐसी कॉलोनियों को अब तक सीवर नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है।