दिल्ली न्यूज़: कडक़डड़ूमा स्थित अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विजय कुमार झा की अदालत ने एक शख्स पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि शख्स ने बगैर किसी साक्ष्य और दस्तावेज के प्रतिवादी महिला पर मुकदमा किया। शख्स लंबे समय तक मुकदमे को खींचता रहा। अदालत ने महिला को बेमतलब की मुकदमेबाजी में डालने के एवज में वादी पर लगाया गया जुर्माना प्रतिवादी महिला को मुआवजे के तौर पर देने के निर्देश जारी किये हैं। अदालत ने कहा कि वादी ने याचिका दायर कर दावा किया कि उसे और प्रतिवादी महिला को गोद लिया गया था। जिस दंपति ने उन्हें गोद लिया उनकी मौत हो गई है। यह दंपति दो अचल संपति छोडक़र गया है जिस पर प्रतिवादी महिला ने अकेले कब्जा कर लिया है। जबकि उसका भी इस संपति पर अधिकार है।
अदालत ने वादी को अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने को कहा। यहां तक की गोदनामे के दस्तावेज भी रिकॉर्ड पर देने के निर्देश दिए। छह साल चले इस मुकदमे में अदालत ने वादी को दर्जनों बार पक्ष रखने का मौका दिया, लेकिन वादी के पास एक भी गवाह या साक्ष्य नहीं था जो साबित कर सके कि वह प्रतिवादी महिला का भाई है और उसका संपति पर किसी भी तरह का कोई अधिकार है। कथित पिता की मौत पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने व उसके बाद बीमार मां की देखभाल व उनकी मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के तथ्य तक को वादी साबित नहीं कर सका। ऐसे में अदालत ने कहा कि वादी के पास आरोप साबित करने के लिए कोई तथ्य नहीं है। उसकी याचिका को खारिज किया जाता है।