दिल्ली हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में वकील को जवाब दाखिल करने के लिए दिया समय

Update: 2023-01-30 14:39 GMT
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक वकील को 19 दिसंबर, 2022 के कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है, जो कि एचसी जज के साथ दुर्व्यवहार करने और अदालती कार्यवाही में बाधा डालने के लिए उनके खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक अवमानना मामले से जुड़ा है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ अधिवक्ता शक्ति चंद राणा के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 45 मिनट के लिए अदालती कार्यवाही को बाधित कर दुर्व्यवहार किया था, मौखिक रूप से जज पर हमला भी किया था।
अदालत ने 14 दिसंबर, 2022 को न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह की अदालत में कार्यवाही में कथित रूप से बाधा डालने के लिए राणा के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना का मामला शुरू किया था, जिसके परिणामस्वरूप मामलों में सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक देरी हुई।
न्यायमूर्ति सिंह के आदेश में कहा गया था- उक्त व्यक्ति के पास सुनवाई के लिए आज के बोर्ड में सूचीबद्ध कोई मामला नहीं था। उक्त तथ्य को देखते हुए, इस अदालत ने उक्त व्यक्ति को वकीलों के बार से हटाने का निर्देश दिया और अदालत को सूचीबद्ध मामलों में सुनवाई जारी रखने की अनुमति दी और अन्य वकीलों को उनके सूचीबद्ध मामलों के अनुसार उनके मामलों पर बहस करने की अनुमति दी। हालांकि, उक्त व्यक्ति ने स्पष्ट रूप से खुद को हटाने से इनकार कर दिया और अदालत की कार्यवाही को बाधित करते हुए चिल्लाना, चीखना और एक अनियंत्रित ²श्य बनाना जारी रखा।
उन्होंने कहा था कि राणा का आचरण एक वकील के लिए अशोभनीय था और न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 14 के तहत दंडनीय है। सोमवार को, पीठ ने राणा को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक पखवाड़े का समय मांगने पर दो सप्ताह का समय दिया और मामले को 23 फरवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
इससे पहले, राणा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए, अदालत ने आदेश दिया था: 14-12-2022 के आदेश में दर्ज एलडी सिंगल जज द्वारा जारी एक निर्देश के अनुसार स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना शुरू की गई है। उक्त आदेश का अवलोकन करने के बाद, हम शक्ति चंद राणा को कारण बताओ नोटिस जारी करना आवश्यक समझते हैं कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। रजिस्ट्री को निर्देशित किया जाता है कि वह संबंधित थाने के एसएचओ के माध्यम से निष्पादित होने वाले सभी अनुमत तरीकों से कारण बताओ नोटिस जारी करे।
--आईएएनएस
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