दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से सरकारी खजाने को 2500 करोड़ रुपए का नुकसान: शहजाद पूनावाला
दिल्ली न्यूज़: भाजपा ने एक बार फिर से दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा है। रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक आरटीआई आवेदन का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से सरकारी खजाने को 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने ट्वीट करते हुए नई आबकारी नीति को 'आप का पाप' तक कह डाला।
गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने सामने हैं। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहीं हैं। इस बीच अब एक और विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला (Shahzad Poonawalla) ने एक RTI आवेदन का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार (Delhi Government') की नई शराब नीति (New Liquor Policy)से सरकारी खजाने को 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के कारन सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। इस नीति के चलते सरकारी खजाने को 2500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने एक RTI का हवाला देते हुए यह आरोप लगाएं हैं। बता दें कि आबकारी नीति के मामले में ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) समेत दर्जनों लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
AAP Ka Paap
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) October 30, 2022
RTI from Delhi Govt - New Sharab policy led to loss of Rs 2500cr atleast
Under New Policy Delhi Govt earned ₹ 5036 Cr from 17th Nov 21 to 31st Aug 22 ie Rs 17.5 cr/day whereas Old Excise policy earned ₹ 768 cr in Sep 2022 ie Rs 25.6 Cr/day-loss of ₹8cr/day 1/n pic.twitter.com/fHJwYGLKyS
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरटीआई से मिले जवाबों का जिक्र करते हुए आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए हैं। शहजाद ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'दिल्ली सरकार की ओर से एक आरटीआई का जवाब मिला है, जिसके मुताबिक, नई शराब नीति के चलते कम से कम 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। नई शराब नीति के तहत, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 तक कुल 5,036 करोड़ रुपए कमाए। यानी प्रतिदिन 17.5 करोड़। जबकि पुरानी शराब नीति के हिसाब से सितंबर 2022 में कुल 768 करोड़ रुपए कमाए यानी प्रतिदिन 25.6 करोड़ रुपए। इस तरह से हर दिन कम से कम 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।'