दिल्ली सरकार राजधानी में सर्किल दरों की विसंगतियों को दूर करेगी, कुछ इलाकों में सर्किल दर बाजार भाव से बहुत अधिक
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार ने करीब 8 साल बाद आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों के सर्किल दरों को संशोधित करने की तैयारी शुरू कर दी है। नए सर्किल रेट को बाजार भाव के हिसाब से तय करने की कोशिश की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि फ्रेंड्स कॉलोनी सहित कुछ इलाकों में सर्किल दर बाजार भाव से बहुत अधिक है। ऐसे में जिस श्रेणी में इस तरह की कॉलोनिया आती हैं, उसी में उप श्रेणी बनाकर सर्किल रेट में कमी की जा सकती है। हालांकि जहां सर्किल दर कम है, उसमें अधिकतम 30 प्रतिशत तक की वृद्धि भी हो सकती है। चार एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिशों के आधार पर राजस्व विभाग इन दिनों फाइनल रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली सरकार को भेजने की तैयारी में जुटा है। सरकार की मंजूरी के बाद ही नई सर्किल दरें लागू होंगी। सूत्र बताते हैं कि नई सर्किल दरों को लेकर राजस्व विभाग की उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना के साथ भी जल्द बैठक होने वाली है। बता दें कि आखिरी बार 2014 में सर्किल दरों को बढ़ाया गया था।
वहीं, ए और बी श्रेणी के आवासीय इलाकों की कॉलोनियों की सर्किल दर में करीब 3 गुना का अंतर है और इस बार इसे युक्तिसंगत बनाने की कोशिश की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि करीब 8 साल तक सर्किल दरों में वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में ए से लेकर एच श्रेणी (सभी श्रेणी) के इलाकों की कॉलोनियों की सर्किल रेट में वृद्धि हो सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के अंदर कुछ एरिया हैं, जहां पर सर्किल रेट मार्केट रेट से भी बहुत ज्यादा हैं और वहां बहुत दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि सर्किल रेट की विसंगतियों को दूर करने के लिए काम शुरू किया गया है। बाजार भाव से ज्यादा सर्किल रेट की सबसे ज्यादा शिकायतें फ्रेंड्स कॉलोनी से आई हैं। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में बेमेल सर्किल दर के कारण कई संपत्ति मालिकों को अपनी संपत्ति बेचने में मुश्किल हो रही है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनकी संपत्ति ऐसी कॉलोनियों में हैं,जहां सर्किल दर वास्तविक बाजार कीमतों से बहुत अधिक है। दूसरी ओर कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां सर्किल दरें मौजूदा बाजार दरों से काफी नीचे हैं। दिल्ली सरकार का राजस्व विभाग कर राजस्व के संभावित नुकसान को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में दोनों मामलों में सर्किल दरों को युक्तिसंगत बनाकर या मौजूदा रुझानों के अनुसार कॉलोनियों के पुनर्वर्गीकरण करके किया जा सकता है। श्रेणी ए के तहत आने वाली कई कॉलोनियों में बाजार दर 7.74 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर की सर्किल दर से काफी कम है। वहीं, पंचशील पार्क में बाजार दर 3.3 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर, महारानी बाग में 4.6 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 3.5 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर है। इसके विपरीत श्रेणी बी में कई कॉलोनियां हैं, जहां बाजार दर 2.45 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर के सर्किल रेट से काफी अधिक है। डिफेंस कॉलोनी में बाजार दर 6.7 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर और ग्रेटर कैलाश-1 में 5.2 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर है। इन विसंगतियों के कारण कई खरीदारों और विक्रेताओं को लेनदेन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कैसे होता है आकलन: सर्किल दर निर्धारित करने के लिए बाजार में सम्पत्ति का मूल्य जांचा जाता है। इसके अतिरिक्त किन इलाकों में सबसे अधिक पंजीकरण हो रहा है,उसे आधार बनाया जाता है। सर्किल दरें, संपत्ति का मानक मूल्य हैं, जिसके नीचे कोई भी अपनी संपत्ति के सौदों का पंजीकरण नहीं कर सकता है।
मौजूदा सर्किल दरें:
इलाके की श्रेणी सर्किल दर (प्रति वर्ग मीटर)
ए 7,74,000
बी 2,45,520
सी 1,59,840
डी 1,27,680
ई 70,080
एफ 56,640
जी 46,200
एच 23,280