दिल्ली न्यूज़: दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में 3980 लो फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। इनमें 12 मीटर की 1900 जबकि नौ मीटर की 2080 बसें होंगी। दो साल में सभी बसें दिल्ली की सड़कों पर चलने लगेंगी। पहली बार छोटी इलेक्ट्रिक बसों के सड़कों पर उतरने के बाद कॉलोनियों के नजदीक भी यात्रियों को बस की सुविधा मिलने लगेगी। इससे जाम कम होगा और यात्रियों को अंतिम छोर तक पहुंचने के लिए भी दूसरे परिवहन विकल्प नहीं अपनाने होंगे।
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) ने दो चरणों में दिल्ली सरकार के लिए 3,980 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किया है। जनवरी में दूसरे चरण के तहत 2400 बसों के लिए टेंडर किया गया है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दो वर्ष में सभी बसें सड़कों पर दौड़ने लगेंगी।
सीईएसएल के अधिकारी के मुताबिक 12 मीटर की 1900 लो फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसें अलग-अलग कंपनियों की होंगी। छोटे साइज यानी 9 मीटर की 2,080 बसों से यात्रियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। 12 मीटर लंबाई की बसों के लिए प्रति किलोमीटर 62.7 रुपये जबकि नौ मीटर की बसों के लिए प्रति किलोमीटर 56.87 रुपये की दर से दिल्ली सरकार कंपनी को भुगतान करेगी।
दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह योजना बनाई गई है। इसके तहत दिल्ली परिवहन निगम और क्लस्टर स्कीम के तहत बसें बेड़े में शामिल की जाएंगी। फिलहाल, दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर स्कीम के तहत 7,379 बसें चल रही हैं। इनमें से पुरानी बसों को हटाकर नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जा रही हैं।
2025 तक परिवहन बेड़े में होंगी 10 से अधिक बसें: फिलहाल दिल्ली में 300 लो फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। दिसंबर तक 1500 और इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। 2025 तक दिल्ली के परिवहन बेड़े में 6380 और इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। इससे दिल्ली का परिवहन बेड़ा 10000 से अधिक का हो जाएगा। इनमें करीब 80 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इन बसों के लिए तमाम डिपो में बसों के लिए चार्जिंग सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
27 बस डिपो में होगी चार्जिंग की सुविधा: दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ चार्जिंग सुविधा भी मिलेगी। फास्ट चार्जर लगाने के साथ ही बसों के लिए पार्किंग सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। नई इलेक्ट्रिक बसों के लिए 27 डिपो में बसों के लिए चार्जिंग की सुविधा मुहैया की जाएगी। इसके लिए डिस्कॉम कंपनियों से साझा करने के बाद नए-नए डिपो में सुविधा विकसित की जा रही है।
सामग्री रिकवरी सुविधा केंद्र का उद्धाटन: उपराज्यपाल ने शुक्रवार को पश्चिम किदवई नगर में एनडीएमसी के एक सामग्री रिकवरी सुविधा केंद्र (एमआरएफ) का उद्घाटन किया। यह घरेलू कचरे से पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को अलग करने के लिए स्थापित किया गया है। एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव, उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय मौजूद थे।
एनडीएमसी ने ऊर्जा संयंत्र ओखला को कचरे में गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य सूखे कचरे को भेजने से पहले डोर टू डोर संग्रह के दौरान एकत्रित सूखे कचरे के सूक्ष्म-पृथक्करण के लिए ट्रांसफर स्टेशन ओल्ड अर्जुन दास कैंप में इस एमआरएफ केंद्र की स्थापना की है। इससे सूखे कचरे के सूक्ष्म पृथक्करण से पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को हटाने में मदद मिलेगी, कूड़ा बीनने वालों की आजीविका में सुधार होगा।