दिल्ली सरकार ने 52 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण किया रद्द, 42 लाख पीयूसी बने

Update: 2022-11-09 06:35 GMT

दिल्ली न्यूज़: वायु प्रदूषण के खिलाफ अभियान तेज करते हुए दिल्ली सरकार ने 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल के 2 लाख और वाहनों के पंजीकरण को रद्द कर दिया है। इस साल अब तक ऐसे 52,26,571 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया है। पिछले 5 वर्षों में करीब 55 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। ये वाहन 2007 से लेकर 2012 तक के पंजीकृत हैं। सरकार ने इन वाहनों को लेकर तीन विकल्प दिए हैं। ऐसे वाहन मालिक परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर अपने वाहन को अन्य राज्यों में पंजीकृत करा लें, इन वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा लें या फिर इन्हें स्क्रैप (समाप्त) करा लें। अन्यथा सडक़ पर वाहन चलते हुए मिलने पर जब्त कर लिया जाएगा। इसी के साथ वैध पीयूसी के बिना चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई के डर से 1 जनवरी से 31 अक्तूबर तक 42,25,946 पीयूसी बनवाए गए हैं।

परिवहन विभाग ने साफ किया है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) का आदेश है कि वाहन को दूसरे राज्य के जिस शहर के लिए एनओसी मांगी जाएगी, उस शहर के मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी (एमएलओ) से सहमति पत्र वाहन मालिक को लेना होगा। उसके बाद ही दिल्ली परिवहन विभाग उस वाहन के लिए एनओसी देगा। बता दें कि परिवहन विभाग ने इस बारे में गत 14 दिसम्बर को आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि एनजीटी ने जुलाई 2016 में दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के पंजीकरण और चलने पर प्रतिबंध से संबंधित निर्देश जारी किए थे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अक्तूबर 2018 को दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर रोक लगा दी थी।

हालांकि डीजल व पेट्रोल से चलने वाले पुराने वाहनों के खिलाफ पहले से कार्रवाई की जा रही है। लेकिन अब यह कार्रवाई और तेज हो गई है। परिवहन विभाग ने कहा कि अब दिल्ली में 10 साल से पुराना कोई डीजल वाहन व 15 साल से पुराना कोई पेट्रोल वाहन नहीं चल सकेगा। प्रत्येक दिन जो भी वाहन अपना समय पूरे करते जाएंगे, उनका पंजीकरण निरस्त होता जाएगा।

ऐसे रद्द हुआ पुराने वाहनों का पंजीकरण

वर्ष कितने वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द

2018 2,62,224

2020 63,547

2021 22,827

2022 52,26,571

पुराने वाहनों पर बड़ी कार्रवाई, 8,444 वाहन जब्त

दिल्ली में पुराने वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली सरकार ने इस साल अब तक 8,400 से अधिक वाहनों को जब्त किया है। जब्त किए गए इन वाहनों की संख्या पिछले साल जब्त किए गए वाहनों की तुलना में 188 प्रतिशत अधिक है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में एक फैसले में दिल्ली में 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने कहा था कि आदेश का पालन नहीं करने वालों के वाहन जब्त किए जाएंगे। इसी दिशा में परिवहन विभाग ने सडक़ों पर प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और इन्हें जब्त करना शुरू कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में अब तक 10 माह में 8,444 पुराने वाहनों को जब्त किया गया है। जबकि इस दौरान 2021 में जब्त किए गए वाहनों की संख्या 2,931 थी। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना 23,212 वाहन सडक़ों पर चलते पाए गए। जबकि 2021 में यह संख्या 29,570 थी। बता दें कि 2021 में कुल 60,36,207 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए थे,जबकि 2022 में अक्तूबर तक यह संख्या 42,25,946 है। पिछले साल इस दौरान काटे गए चालान से तुलना करें तो पिछले पूरे साल बिना पीयूसी वाले 29570 वाहनों के चालान काटे गए थे, जबकि इस साल अभी तक 10 माह में 23 हजार 212 वाहनों के चालान काटे गए हैं। पिछले 4 दिनों में बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र वाले 1339 वाहनों के चालान काटे गए हैं, नो एंट्री के समय का उल्लंघन करने वाले 62 वाहनों का चालान किया गया है। प्रदूषण के चलते दिल्ली में बीएस-3 के 2,07,038 पेट्रोल वाहन व बीएस-4 के 3,09,225 डीजल वाहन प्रतिबंधित किए गए हैं। विभाग ने ऐसे वाहनों के मालिकों को मैसेज भेजकर सडक़ों पर नहीं चलाने और उल्लंघन करने पर 20 हजार रूपए के चालान काटने की चेतावनी दी है। अब तक ऐसे 5 वाहनों के चालान काटे गए हैं।

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