इलेक्ट्रिक बसों में सफर करना हुआ आसान, अब बसों के नंबर से ही करें टिकटों की बुकिंग
दिल्ली लेटेस्ट न्यूज़: में 150 नई इलेक्ट्रिक बसों को सड़क पर उतारा गया है। इनमें क्यूआर कोड नहीं चिपकाए गए, ताकि खूबसूरती पर धब्बा न लगे। बसें नई होने के कारण यात्रियों को इस बात का पता नहीं है कि एप में बस का नंबर डालकर भी टिकट की बुकिंग की जा सकती है।राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों में सफर के लिए अब एप के माध्यम से बस नंबर के आधार पर टिकटों की बुकिंग कर सकते हैं, क्योंकि नई ई-बसों की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए सीटों के पीछे क्यूआर कोड नहीं लगाए गए हैं।हालांकि, अब तक यात्रियों को बस नंबर से टिकटों की बुकिंग के बारे में नहीं पता है। दिल्ली सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले ट्रायल के बाद सभी बसों में एप (चार्टर) के जरिये टिकटों की बुकिंग की शुरुआत की थी। अभी भी करीब पांच फीसदी यात्री ही एप से टिकट की बुकिंग कर रहे हैं।दिल्ली सरकार ने बसों में कांटेक्टलेस टिकटिंग की सुविधा शुरू करने के लिए चार्टर एप की शुरुआत ट्रायल आधार पर की थी। इसके बाद सभी बसों में क्यूआर कोड के जरिये बुकिंग होने लगी। फिलहाल डीटीसी की बसों में रोजाना करीब 24-25 लाख यात्री औसतन सफर करते हैं।
इनमें से करीब सवा लाख, यानी पांच फीसदी यात्री ही एप के जरिये टिकटों की बुकिंग करते हैं। एप के जरिये महिलाएं निशुल्क टिकट ले सकती हैं। एप से बुकिंग करवाने वालों में महिला और पुरुषों की संख्या तकरीबन बराबर है।रोजाना एक लाख से अधिक टिकटों की होती है बुकिंग : प्रो. बियानी के मुताबिक, बसों में रोजाना करीब एक लाख 20 हजार यात्री एप से टिकट बुक करते हैं। इनमें महिला पुरुष यात्रियों की संख्या तकरीबन बराबर है।खुले पैसे की समस्या नहीं डीटीसी और क्लस्टर बसों में क्यूआर कोड लगाए गए थे, ताकि टिकटों की आसानी से बुकिंग की जा सके। इससे यात्रियों को टिकट के लिए रुपयों के लेन-देन में परेशानी भी दूर होने लगी। एप के जरिये टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा के बाद भी अधिकतर यात्री पास से बसों में सफर करते हैं। एप में दैनिक पास बनवाने की भी सुविधा है।ई-बसों में नहीं चिपकाए गए क्यूआर कोडदिल्ली में 150 नई इलेक्ट्रिक बसों को सड़क पर उतारा गया है। इनमें क्यूआर कोड नहीं चिपकाए गए, ताकि खूबसूरती पर धब्बा न लगे। बसें नई होने के कारण यात्रियों को इस बात का पता नहीं है कि एप में बस का नंबर डालकर भी टिकट की बुकिंग की जा सकती है। एप विकसित करने वाली संस्था आईआईआईटी के प्रो. प्रवेश बियानी ने बताया कि यात्री बस का नंबर डालकर एप के जरिये टिकट बुक कर सकते हैं। यात्रियों में जैसे-जैसे इसके प्रति जागरूकता बढ़ेगी, टिकटों की बिक्री बढ़ेगी।