दिल्ली: गाजीपुर लैंडफिल के निस्तारण के लिए पूर्वी निगम के पास नहीं है कोई योजना
दिल्ली: पूर्वी दिल्ली में स्थित कूड़े के पहाड़ के रूप में स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट के निस्तारण के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास कोई ठोस योजना नहीं है। यह बात मंगलवार को दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की हुई बैठक में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ने मानी है। इस बात की जानकारी समिति की अध्यक्ष आतिशी ने बैठक के बाद दी। आतिशी ने बताया कि पूर्वी निगम से जब स्पष्टीकरण मांगा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसके साथ ही उनसे कचरा प्रबंधन का डाटा मांगा गया। जिस पर पूर्वी निगम के आयुक्त ने माना कि उनके पास गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े की समस्या के निस्तारण के लिए न तो पैसा है, न जमीन है और न ही पर्याप्त योजना है।
विधायक ने सवाल किया है कि भाजपा पिछले 15 सालों से क्या कर रही है? अब निगम पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होगा तो क्या पीएम इस समस्या का समाधान करेंगे? पूर्वी निगम के पास गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पुराने कचरे के निपटारे के लिए कोई कार्य योजना नहीं है, कचरे के पहाड़ का बढऩा कैसे खत्म होगा? उन्होंने कहा कि पूर्वी निगम ने समिति के सामने कहा है कि गाजीपुर लैंडफिल को साफ करने में कम से कम 10 साल का समय लगेगा। गाजीपुर लैंडफिल साइट में 140 लाख टन पुराने कचरे के कारण आग लगती है। पूर्वी निगम ने अपनी अक्षमता के लिए धन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। असलियत यह है कि पिछले डेढ़ साल में सिर्फ नौ लाख टन पुराने कचरे का निपटारा किया गया और इस दौरान उतना ही नया कचरा डाला गया। पर्यावरण समिति ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को एक बार फिर तलब किया है और उनसे मंगलवार तक गाजीपुर लैंडफिल साइट की कार्ययोजना बनाने को कहा है। आयुक्त ने बताया कि लैंडफिल साइट पर रोजाना निस्तारण किए जाने वाले कचरे की मात्रा नए आने वाले कचरे के लगभग बराबर है।