दिल्ली उपमुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, जलजमाव की समस्या होगी खत्म

केजरीवाल सरकार ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Update: 2022-03-17 17:49 GMT

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बाबत पीडब्ल्यूडी ने राजधानी के विभिन्न मुख्य जलजमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर पिछले कुछ महीनों में ऐसे इंफ्रास्ट्रक्च र तैयार करने का काम कर रही है जो भारी बारिश के दौरान भी जलजमाव की स्थिति पैदा नही होने देंगे।

गुरुवार को उपमुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि मई कर अंत तक सभी चिन्हित स्थानों पर जलजमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही उन्होंने वर्तमान में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स के प्रगति की भी समीक्षा की।
दरअसल पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में अप्रत्याशित बारिश हुई थी, दिल्ली में पिछले रिकॉर्ड देखें तो मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है, लेकिन पिछले साल 110 मिमी तक बारिश हुई, जिसके कारण दिल्ली में कई स्थानों पर जलजमाव हुआ।
इसको लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को जलजमाव को रोकने के लिए शार्ट-टर्म व लॉन्ग-टर्म नीतियां तैयार करने व उनके क्रियान्वयन के आदेश दिए थे। इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने 147 स्थानों को चिन्हित कर वहां जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
दिल्ली स्थित पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर पिछले साल मानसून के दौरान यहां कई बार जलजमाव हुआ, इस साल दोबारा ऐसी समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत संप का निर्माण करवा रही है और 600 हॉर्सपावर का एक स्थायी पम्प हाउस भी स्थापित किया जा रहा है। भूमिगत संप व पंप हाउस का निर्माण कार्य मई के अंत तक हो जाएगा, साथ ही यहां 7 अस्थाई पम्प भी लगाए जाएंगे जिनकी कुल क्षमता 500 हार्सपावर होगी।
आईपी.एस्टेट रिंग रोड, डब्लूएचओ बिल्डिंग के सामने रिंग रोड पर जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए यहां 9 पम्प लगाए जाएंगे, साथ ही यहां पीडब्ल्यूडी 1.5 लाख लीटर का संप और पुराने आईपी पॉवर प्लांट से यमुना तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण करेगी, ये निर्माण कार्य मानसून से पहले पूरा हो जाएगा।
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