दिल्ली न्यूज़: पटियाला हाउस स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी डॉ पंकज शर्मा की अदालत ने बुली बाइ एप मामले में एप के कथित निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि जब आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है तो केवल एफएसएल रिपोर्ट के इंतजार में आरोपी को जेल में नहीं रखा जा सकता। अदालत ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर ओंकारेश्वर को सशर्त जमानत दे दी है। आरोपी नौ जनवरी से न्यायिक हिरासत में है। उसे सह-आरपी नीरज बिश्नोई के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। ओंकारेश्वर ठाकुर की तरफ से पेश वकील साहिल भलैक और तुषार गिरी ने अदालत को बताया कि उनके मुचक्किल के खिलाफ यह पहला आपराधिक मामला है। लंबे समय तक उसे जेल में रखने पर उसपर और उसके परिवार पर गंभीर असर पड़ सकता हैं। जबकि, इस मामले की सुनवाई में समय लगेगा। इतने समय तक उसे जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला है।
इसके बाद अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। आरोपित को जेल से रिहा होने के बाद किसी साक्ष्य या गवाह को प्रभावित नहीं करने को कहा है। साथ ही उसे अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देने के साथ हर समय अपनी गूगल लोकेशन साझा करने का निर्देश दिया है।