दिल्ली: कोर्ट ने 23 साल पुराने दौलतराम हत्याकांड मे पूर्व पार्षद सहित चार आरोपी को किया बरी

Update: 2022-03-25 16:46 GMT

दिल्ली न्यूज़: राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश पी परमाचला की अदालत ने दौलतराम हत्याकांड में पूर्व निगम पार्षद बंसी लाल समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए सीबीआई पर्याप्त साक्ष्य अदालत के समक्ष पेश करने में नाकाम रही है। लिहाजा अदालत आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी करती है। 23 साल पुराने इस हत्याकांड में एक आरोपी की मामले की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। इसलिए उसके खिलाफ मामले को बंद कर दिया गया था।

ये था पूरा मामला: आरोपियों पर इल्जाम था कि इन्होंने 26 जून 1999 को कारोबारी दौलतराम का गला घोंटकर हत्या कर दी थी। फिर उसके शव को यूपी के साहिबाबाद में एक सुनसान जगह पर लेजाकर पेट्रोल छिडक़र उसे जलाने का प्रयास किया। हालांकि शव अधजला रह गया था। इस मामले में पहले पुलिस ने जांच की, फिर जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने दायर आरोपपत्र में कहा था कि पूर्व निगम पार्षद बंसी लाल व अन्य ने दौलतराम की हत्या की। हत्या के पीछे की वजह 90 लाख रुपये की लेन-देन को बताया गया। सीबीआई का कहना था कि आरोपियों ने इस रकम को लेकर विवाद के चलते दौलतराम की हत्या की। दौलतराम व उसका भाई स्टील फैक्टरी चलाते थे उनका बड़ा कारोबार था। बंसी लाल और उसका परिवार भी कारोबार से जुड़े थे। बंसी लाल व दौलतराम के पारिवारिक व कारोबारी रिश्त बिगड़ गए थे। हालांकि सीबीआई इन दावों को अदालत में साबित नहीं कर सकी, जिसके चलते अदालत ने लगभग 25 साल तक चले इस मुकदमे में आरोपियों को बरी कर दिया है।

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