दिल्ली : गरीब परिवारों को मुफ्त चीनी मिलने का रास्ता साफ, CM केजरीवाल ने दी मंजूरी
केजरीवाल सरकार दिल्ली के गरीब परिवारों को मुफ्त चीनी देगी. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गरीब परिवारों को मुफ्त चीनी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. पिछले महीने सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट की हुई बैठक में मुफ्त चीनी देने का निर्णय लिया गया था. सरकार के इस निर्णय से दिल्ली के 68,747 एनएफएस कार्ड धारकों समेत 2,80,290 लाभार्थियों को मुफ्त चीनी मिल सकेगी. इस पहल का उद्देश्य गरीब परिवारों के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करना और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है. मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद अब यह फाइल एलजी के पास भेजी गई है.
20 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में दिल्ली के गरीब परिवारों को मुफ्त चीनी देने का एक प्रस्ताव लाया गया था. यह प्रस्ताव अंत्योदय अन्न योजना श्रेणी के कार्ड धारकों के लिए चीनी सब्सिडी योजना के तहत लाया गया था. कैबिनेट ने मौजूदा आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई से गरीब परिवारों के सामने उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मुफ्त चीनी देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे अपनी मंजूरी दे दी. इस पहल के जरिए दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी को भी खाद्य असुरक्षा का सामना न करना पड़े.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत एनएफएसए लाभार्थियों को मिलने वाले गेहूं, चावल के अलावा दिल्ली सरकार ने फ्री चीनी देने का फैसला लिया है. दिल्ली सरकार अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थियों को चीनी सब्सिडी योजना के तहत मुफ्त चीनी उपलब्ध कराएगी. एएवाई कार्ड धारकों को चीनी का वितरण जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक एक वर्ष की अवधि के लिए निःशुल्क किया गया है.
दिल्ली सरकार के इस निर्णय से 68,747 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड धारकों सहित करीब 2,80,290 लाभार्थियों को लाभ मिलेगा. इस पहल के कार्यान्वयन के लिए लगभग 1.11 करोड़ रुपए के अनुमानित बजट की आवश्यकता होगी. दिल्ली सरकार अपने नागरिकों के हित को प्राथमिकता देते हुए अथक प्रयास कर रही है. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इस चुनौती पूर्ण समय में दिल्ली में किसी भी व्यक्ति को खाद्य असुरक्षा का सामना न करना पड़े.