दिल्ली बजट इफ़ेक्ट: विपक्षी नेताओं ने दिल्ली बजट की झूठ का पुलिंदा बताया

Update: 2022-03-26 16:29 GMT

दिल्ली बजट:  दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए बजट को विपक्षी नेताओं ने खेाखले वादों वाला बताया है। भाजपा नेताओं ने बजट को दृष्टिहीन व खोखला बताते हुए कहा है कि आप सरकार ने पिछले सात वर्षों से किए जा रहे अपने वादों को ही दोहराया है।

रोजगार बजट की बजाय काल्पनिक बजट: रामवीर सिंह बिधूड़ी

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप सरकार द्वारा अगले साल के लिए पेश किए गए बजट को रोजगार बजट की बजाय काल्पनिक बजट कहा। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुंगेरी लाल की तरह बजट में हसीन सपने देखे हैं और जनता को बहकाने का प्रयास किया है। सरकार की तरफ से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोई ठोस कार्यक्रम या योजना नहीं है। सरकार पिछले सात सालों कोई रोजगार नहीं दे सकी। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण, बिजली और पानी के क्षेत्र में विफलता भी किसी से छिपी नहीं है। बजट में जमीनी सच्चाई कहीं दिखाई नहीं देती।

झूठ का पुलिंदा है बजट: आदेश गुप्ता

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा, रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे करने वाली केजरीवाल सरकार ने साल 2015 में 8 लाख रोजगार देने की बात कही थी, फिर 10 लाख रोजगार देने की बात कही, अब रोजगार देने की संख्या 20 लाख हो गई है लेकिन सच्चाई यह है कि अभी तक सिर्फ 440 रोजगार ही केजरीवाल सरकार दे पाई है जिसका जवाब केजरीवाल सरकार द्वारा ही एक आरटीआई के जवाब में दिया गया है। सामाजिक पेंशन के लिए 3062 करोड़ आवंटित करने की बात की है जबकि गत 2 वर्ष से दिल्ली वालों को पेंशन नहीं मिल रही। बजट मे इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर बिजली वितरण का दायरा बढ़ाने एवं 20 प्रतिशत जल उत्पादन बढ़ाने का दावा किया है। वास्तविकता यह है कि सरकार लोगों को यमुना पेयजल नही बोरिंग के कच्चे पानी की सप्लाई बढ़ा कर अपनी पीठ थपथपा रही है।

दृष्टिहीन, खोखले वादों वाला है बजट: विजेंद्र गुप्ता

भाजपा विधायक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बजट को दृष्टिहीन, खोखला बताया। दिल्ली में रोजगार सृजन कैसे सुनिश्चित होगा ये नहीं बताया। वास्तव में वे पिछले सात वर्षों से केवल अपनी पिछली प्रतिबद्धताओं को ही दोहरा रहे हैं। केंद्र में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगार मांगने वालों के बजाय रोजगार पैदा करने वालों पर जोर दे रहे हैं। आप सरकार ने हाल ही में ही उद्यमिता की आवश्कता को महसूस किया है लेकिन बड़ी बातों के अलावा आप सरकार ने कुछ नहीं किया। दिल्ली के युवाओं, निर्माण क्षेत्र, थोक व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है। बढ़ते प्रदूषण के हल की बात नहीं है जबकि दिल्ली लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरी है। वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन के लिए कोई प्रावधान नहीं है।  

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