दिल्ली: ऑटो और टैक्सी चालकों ने स्थगित की हड़ताल, कैब आज भी हड़ताल पर

Update: 2022-04-19 06:55 GMT

दिल्ली ट्रांसपोर्ट न्यूज़: ऑटो व टैक्सी चालकों की सीएनजी पर सब्सिडी व किराए की दरों में वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार को हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला। सामान्य दिनों की तुलना में ऑटो व टैक्सी सड़कों पर कम नजर आए। जिससे लोगों को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और एयरपोर्ट पर दिखाई दिया। यहां लोग ऑटो व टैक्सी का लम्बा इंतजार करते देखे गए। कई लोगों ने अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने के लिए किसी तरह रेलवे स्टेशन परिसर से बाहर निकलकर बस पकड़ी। जो ऑटो व टैक्सी चल रहे थे, मनमाना किराया वसूला। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी और ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि रेलवे स्टेशनों व बस अडड़ों पर आम लोगों की समस्या को देखते हुए 19 अप्रैल की हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में करीब 95 हजार ऑटो और 80 हजार से अधिक पंजीकृत टैक्सी हैं। भले ही काली-पीली टैक्सी वालों ने हड़ताल खत्म कर दी है। लेकिन सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के रवि राठौड़ ने कहा कि ओला व उबर सेवा से जुड़ी टैक्सियां मंगलवार को भी हड़ताल पर रहेंगी।

सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन तक ऑटो से आए आईपी क्वात्रा ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट से मेट्रो स्टेशन तक ऑटो से आने में कोई दिक्कत नहीं आई, लेकिन हड़ताल के चलते ऑटो और कैब कम नजर आ रहे हैं। राजधानी में सोमवार सुबह यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि ओला और उबर सेवा से जुड़े कई सारे टैक्सी ड्राइवर उपलब्ध थे, लेकिन अधिक मांग के कारण उनके किराए बढ़े हुए थे। एक यात्री दिलजीत सिंह ने कहा कि मैं हर दिन केंद्रीय सचिवालय के पास स्थित अपने कार्यालय कैब से आता हूं और एक तरफ का किराया करीब 400 रुपए लगता है, लेकिन आज हड़ताल की वजह से किराए बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि आज नोएडा से मुझे अपने कार्यालय पहुंचने के लिए 650 से अधिक का भुगतान करना पड़ा। कुछ लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, ऐसे में काफी दिक्कतें हुईं। विनय प्रजापति ने कहा कि मैं और मेरा परिवार आज सुबह रायपुर से दिल्ली पहुंचे। हड़ताल के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई कैब और ऑटो उपलब्ध नहीं थे। मैंने कैब या ऑटो लेने के लिए एक घंटे तक इंतजार किया, लेकिन कोशिश नाकाम रही। अंत में, मुझे अपने दोस्त को गाजियाबाद में घर पहुंचाने के लिए फोन करना पड़ा। पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के पास वाहन का इंतजार करने वालीं प्रीति दहिया ने कहा कि मैं यहां करीब 15-20 मिनट से खड़ी हूं और मुझे गीता कॉलोनी जाना है। मैंने कैब बुक करने की कोशिश की लेकिन प्रतीक्षा समय 25 मिनट से अधिक है और किराए में वृद्धि हुई है। बता दें कि सीएनजी के दाम में बढ़ोतरी के कारण ऑटो और कैब चालकों के विभिन्न संगठन किराए में संशोधन की मांग कर रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से किराए में संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा किए जाने के बावजूद संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि सीएनजी महंगी हो गई है, हमें या तो एक किलोग्राम सीएनजी पर 35 रुपए की सब्सिडी दी जाए या किराया बढ़ाया जाए। ऑटो-टैक्सी और कैब चालकों ने अपनी मांगों को लेकर सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना भी दिया।

कई जगह विरोध प्रदर्शन: कश्मीरी गेट आईएसबीटी, रानी बाग, सिविल लाइंस व नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ऑटो स्टैंड सहित कई जगहों पर छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन भी देखे गए।

लोगों को हुई दिक्कतें

-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और कश्मीरी गेट बस अड्डे पर लोगों को वाहनों का लंबा इंतजार करते देखा गया।

-जिसमें ब'चे, बुजुर्ग और हर वर्ग के लोग शामिल थे।

-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले बहुत सारे लोगों को हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी।

-दोपहर तक रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर लोग परेशान दिखाई दिए।

-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टैक्सी और ऑटो स्टैंड सुनसान पड़े थे।

-लोग सामान लेकर तीखी धूप में इधर-उधर भटकते दिखाई दिए।

-सुबह से कैब बुक होने के बाद ड्राइवर के डेस्टिनेशन पर नहीं पहुंचने से भी लोग परेशान थे।

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