दिल्ली में सड़कों पर उड़ती धूल सांसों के लिए संकट पैदा कर रही है। प्रदूषण की रोक-थाम ग्रेप लागू होने के बावजूद कागजों में ही हो रही है। प्रतिबंध के बाद भी निर्माण सामग्री को लेकर निरंतर लापरवाही बरती जा रही है। रविवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले छह दिनों तक दिल्ली एनसीआर का अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री रह सकता है। बीते रविवार को अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री दर्ज हुआ था।
ऐसे में प्रदूषण की रोक-थाम केवल कागजों में की जा रही है। सराय काले खां, दिलशाद गार्डन, शास्त्री पार्क, आनंद विहार, गीता कॉलोनी, शाहदरा, नेताजी नगर, सरोजनी नगर समेत कई इलाकों की सड़कों पर खुले में ही निर्माण सामग्री को लाया जा रहा है। यहां निर्माण स्थलों पर आने वाले ट्रक भी बिना तिरपाल के सामग्री को लाद कर ला व ले जा रहे हैं।
सराय काले खां के पास सड़क पर ही निर्माण सामग्री का ढेर पड़ा है। यहां बालू को ढका तक नहीं गया है। इससे तेज हवाएं चलने से धूल का गुबार उठ जाता है। वहीं, वाहनों के गुजरते ही यहां धूल ही धूल फैल जाती है। निर्माणाधीन स्थलों के बाहर न तो कोई एंटी स्मॉग गन तैनात की गई है। यही नहीं सड़कों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
इससे दोपहिया वाहन चालकों व पैदल राहगीरों को धूल के बीच से ही गुजरना पड़ रहा है। यहां की स्थिति यह है कि लोग धूल के बीच से ही गुजरने को मजबूर हैं। सराय काले खां से गाजीपुर की ओर जा रहे नीरज कहते हैं कि उनका रोजाना यहां से आना-जाना होता है, वह इस धूल के बीच से ही गुजरते हैं। इससे काफी परेशानी होती है।
उन्होंने बताया कि उन्हें सांस की परेशानी है, जिससे उन्हें कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह की स्थिति मधु विहार व आनंद विहार के पास देखने को मिली। यहां भी निर्माण सामग्री खुले में पड़ी हुई है। सरोजनी नगर के पीएंडटी कॉलोनी के निवासी अंकित ने बताया कि ऑफिस से आते-जाते समय अधिक परेशानी हो रही है। सड़क पर धूल ही धूल है।