रक्षा मंत्रालय का स्टाफ चला रहा था सेना भर्ती गिरोह, एसटीएफ और पुलिस ने को कार्यवाही
नॉएडा न्यूज़: एसटीएफ और सेक्टर-113 पुलिस ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना और उसके भाई को आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी के पास से गिरफ्तार किया है. जालसाज खुद को लेफ्टिनेंट कमांडर बताकर बेरोजगारों से जालसाजी करते थे. इस गिरोह में रक्षा मंत्रालय में तैनात मिनिस्ट्रियल स्टाफ अजय उर्फ अनिल कुमार भी शामिल है. अजय समेत गिरोह के चार सदस्य अभी फरार हैं.
मिलिट्री इंटेलीजेंस और एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग रक्षा मंत्रालय और सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं. इसके आधार पर एसटीएफ ने पुलिस की मदद से दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया. उनकी पहचान अतुल माथुर और सनी निवासी नगला अस्थल कासगंज के रूप में हुई है. अतुल और सनी आपस में भाई हैं.
पुलिस और एसटीएफ की टीम ने जालसाजों से नौसेना की पी कैप, टाई, एक जंगल पैंट, तीन जोड़ी जूते, दो सेना की वर्दी, दो ब्लैक पैंट, जर्सी, लैपटॉप, छह जोड़ी लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक, छह आईकार्ड कवर, तीन रबर स्टांप, एक स्टांप पैड, अतुल माथुर नेमप्लेट लगी दो वर्दी, दो बेल्ट, कालीचरण के नाम से एक आर्मी कैंटीन का कार्ड, एक कार, दो मोबाइल, चेक बुक, तीन आधार कार्ड, एक आईकार्ड आईआईएलएम कॉलेज ग्रेटर नोएडा, 3770 रुपये, एक सोने की चेन सहित अन्य सामान बरामद किया है.
वर्ष 2021 से कर रहे थे फर्जीवाड़ा यह गिरोह वर्ष 2021 से फर्जीवाड़ा कर रहा था. जालसाज अभी तक सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं. इनकी फर्जीवाड़े की शिकायत रक्षा मंत्रालय और सेना की खुफिया यूनिट को मिली थी. तब मामले की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई. गिरोह के सदस्य बृज किशोर, विपिन कुमार, अमित वार्ष्णेय और अजय उर्फ अनिल कुमार फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है. पुलिस उन तक पहुंचने के लिए सर्विलांस की भी मदद ले रही है. इस गिरोह के संपर्क में आए लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है ताकि गिरोह के बारे में पूरी जानकारी मिल सके.
अजय ने मंत्रालय के गेट पास बनवाए:
गिरोह का ठग अजय उर्फ अनिल कुमार रक्षा मंत्रालय में मिनिस्ट्रियल स्टाफ है. वह मेरठ का रहने वाला है. गिरफ्तार जालसाजों ने पूछताछ में अजय के नाम का खुलासा किया. एसटीएफ के अनुसार, अजय अभ्यर्थियों के फॉर्म में बदलाव कर रक्षा मंत्रालय का गेट पास बनवाता था. वह उन्हें भरोसा दिलाता था कि उनकी ज्वाइनिंग सही तरीके से हो रही है. उसने अतुल को भी कई बार रक्षा मंत्रालय में एंट्री दिलाई थी. उसने अभ्यर्थियों से उसकी मुलाकात भी कराई.
पैसे लेने के बाद मोबाइल नंबर बंद कर देते थे आरोपी:
पुलिस जांच में सामने आया है कि जालसाज भर्ती कराने के बहाने एक युवक से 10 से 20 लाख रुपये लेते थे. पीड़ितों को भरोसा दिलाने के लिए आरोपी उनसे उनकी पढ़ाई से जुड़े दस्तावेज सहित अन्य कागजात लेते थे. पैसे लेने के बाद आरोपी अपने मोबाइल नंबर बंद कर देते थे. गिरोह में चार और लोगों के नाम सामने आए हैं.
एसटीएफ के अनुसार, गिरोह का सरगना अतुल माथुर है. वह सेना की वर्दी पहनकर खुद को लेफ्टिनेंट कमांडर बताता था. आरोपी वर्दी पहनकर पीड़ितों से बात करता था. अतुल के कहने पर उसका भाई सनी बेरोजगार युवकों से संपर्क कर उन्हें भर्ती कराने का झांसा देता था. जालसाजों ने सभी पीड़ितों से नगद में ही पैसे लिए. पुलिस पीड़ितों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है.