डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस और डीटीसी को नोटिस जारी
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को दिल्ली पुलिस और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को नोटिस जारी कर दावा किया कि एक महिला बस मार्शल ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना करने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को दिल्ली पुलिस और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को नोटिस जारी कर दावा किया कि एक महिला बस मार्शल ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना करने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया. पुलिस ने हालांकि कहा कि महिला ने पहले उसे सूचित किया था कि वह आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती क्योंकि उसने माफी मांग ली है. पुलिस ने कहा कि संबंधित पुलिस थाने को भी उसके आत्महत्या के प्रयास के संबंध में कोई कॉल नहीं आयी थी.
23 वर्षीय महिला 20 मई को सुभाष प्लेस डिपो में डीटीसी में बस मार्शल के रूप में तैनात की गई थी. आयोग ने कहा कि महिला ने डीसीडब्ल्यू को बताया कि एक बस कंडक्टर ने उसे कथित तौर पर यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया और डिपो से उसके स्थानांतरण के लिए 25,000 रुपये भी ले लिये.
आयोग ने दावा किया कि डिपो के उच्च अधिकारियों से शिकायत के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद, डिपो प्रबंधक और कुछ बस चालक और कंडक्टर सहित अन्य कर्मचारियों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया.
आयोग ने दावा किया कि पीड़िता ने कर्मचारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और केशवपुरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई. आयोग ने दावा किया कि हालांकि डिपो प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने उसे मामले में समझौता करने के लिए मजबूर किया.
पुलिस ने कहा कि 17 जुलाई को, उन्हें केशवपुरम पुलिस थाने में एक महिला द्वारा एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसने उन्हें सुभाष प्लेस बस डिपो (वजीरपुर बस डिपो) में अपने सहयोगी द्वारा दुर्व्यवहार और शारीरिक हमले के बारे में सूचित किया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिला ने आरोप लगाया कि एक सहकर्मी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके साथ मारपीट की. अधिकारी ने कहा कि महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी ड्यूटी लगाने को लेकर आरोपी से बहस हुई थी और उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धक्का दिया.
पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता ने हालांकि लिखित में दिया कि वह आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती क्योंकि उसने माफी मांग ली है और उसे चोट नहीं आई थी. डीसीडब्ल्यू को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने दावा किया कि 20 जुलाई को उसे ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन उसने संबंधित एसडीएम से संपर्क किया, जिसने उसे फिर से डिपो में शामिल होने के लिए भेजा. आयोग ने दावा किया कि हालांकि डिपो प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने उसे काम पर लौटने नहीं दिया और उसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा.
आयोग ने कहा कि महिला ने दावा किया कि उसने 23 जुलाई को केशवपुरम पुलिस थाने में शिकायत दी थी, लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी. आयोग ने कहा कि उसने यह भी कहा कि उसने डीटीसी के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. आयोग ने कहा कि 5 अगस्त को उसने कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया.
आयोग ने दिल्ली पुलिस से मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और गिरफ्तार आरोपियों का ब्योरा देने को कहा है. डीसीडब्ल्यू ने डीटीसी से पूछा है कि क्या मामले को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम कानून के तहत आंतरिक शिकायत समिति को भेजा गया था. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि पीड़िता द्वारा किए गए आत्महत्या के प्रयास के संबंध में केशवपुरम पुलिस थाने में कोई कॉल और शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी. पुलिस ने कहा कि उसके बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.