चाचा नेहरू अस्पताल में सीटी स्कैन, सफदरजंग में अल्ट्रासाउंड मशीन हुआ खराब
कोरोना काल में दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में जांच मशीनें खराब होने से मरीज परेशान हैं।
कोरोना काल में दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में जांच मशीनें खराब होने से मरीज परेशान हैं। किसी अस्पताल में बीमार बच्चों को जांच के लिए बाहर भेजा जा रहा है तो कहीं अल्ट्रासाउंड की मशीनें खराब होने से मरीज परेशान हैं। दिल्ली में बच्चों के इलाज के लिए माने जाने वाले चाचा नेहरू अस्पताल में पिछले 20 दिनों से सीटी स्कैन जांच करने वाली मशीन खराब पड़ी है।
इस वजह से इमरजेंसी में आने वाले गंभीर बच्चे जिन्हें सीटी स्कैन जांच की जरूरत होती है उन्हें एंबुलेंस में बाहर सीटी स्कैन के लिए भेजा जाता है। पूर्वी दिल्ली निवासी जहांगीर ने बताया कि एक सप्ताह पहले वे अपने बच्चे को गंभीर सांस को समस्या के साथ चाचा नेहरू अस्पताल ले गए थे। वहां डॉक्टर ने सीटी स्कैन कराने के लिए कहा लेकिन मशीन खराब थी तो फिर बच्चे को एंबुलेंस में बाहर जांच के लिए ले जाना पड़ा।
10 साल की मशीन 13 साल चला ली अब नई मशीन का इंतजार
चाचा नेहरू अस्पताल के एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 10 साल की लाइफ वाली मशीन 13 साल पुरानी हो गई। ऐसे में यह अब चल नहीं पा रही है। इसे ठीक कराने में 40 लाख का खर्च आएगा और उसके बाद भी यह ज्यादा नहीं चल पाएगी। इस वजह से अस्पताल ने नई मशीन का प्रस्ताव दिया है जिसकी लगभग 80 लाख के करीब होगी। अभी आरोग्य कोष के जरिए निजी रेडियोलॉजी केंद्रों पर मुफ्त में जांच के लिए मरीज बाहर भेजे जा रहे हैं।
सफदरजंग अस्पताल में दो अल्ट्रासाउंड मशीन 20 दिन से खराब
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लगभग पिछले 20 दिनों से अल्ट्रासाउंड की दो मशीनें खराब पड़ी हैं। अस्पताल के एच ब्लॉक में चार अल्ट्रासाउंड मशीनों में सिर्फ दो ही काम कर रही है। इससे वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को भी जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यहां गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड भी होते हैं। कुल 150 मरीजों के अल्ट्रासाउंड होते हैं, ऐसे में दो मशीनें चालू न होने से मरीजों को कई घंटों तक बाहर लाइन में लगना पड़ रहा है। ओपीडी के मरीजों को तो एक साल तक की तारीख मिल रही है।
सफदरजंग में दो साल से मेमोग्राफी जांच बंद
सफदरजंग अस्पताल में पिछले दो साल से मेमोग्राफी मशीन खराब है। इस वजह से स्तन कैंसर की जांच के लिए आने वाली महिलाओं की जांच नहीं हो पाती है।सालों से खराब है एक सीटी स्कैन मशीन
सफदरजंग अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। यहां सिर्फ एक सीटी स्कैन मशीन काम कर रही है। अस्पताल की पुरानी इमरजेंसी में मौजूद सीटी स्कैन मशीन एक साल से खराब है। ऐसे में गंभीर मरीजों को भी सीटी स्कैन के लिए भटकना पड़ता है। आम तौर पर ओपीडी के मरीजों के लिए तो कई सप्ताह की वेटिंग है।
एक एमआरआई मशीन भी खराब
सफदरजंग अस्पताल में वर्तमान में तीन टेस्ला की सिर्फ एक एमआरआई मशीन काम कर रही है। वह भी कई बार खराब हो जाती है। इससे पहले वाली 1.5 टेस्ला की मशीन भी लंबे समय से खराब पड़ी है। एक एमआरआई मशीन भी खराब होने से दिन में सिर्फ 15 से 20 एमआरआई हो पा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सफदरजंग जैसे बड़े अस्पताल में यह संख्या बढ़नी चाहिए।
एम्स में दो महीने बाद भी गामा नाइफ मशीन शुरू नहीं हो सकी
राजधानी दिल्ली के एम्स में पिछले दो महीने से गामा नाइफ की मशीन काम नहीं कर रही है। इससे ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी कराने वाले मरीज परेशान हैं। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि मशीन का कोबाल्ट स्रोत खराब हो चुका है। इसे बदलकर लाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। रेडियोएक्टिव पदार्थ होने की वजह से इसमें कई तरह की अनुमति लेनी पड़ती हैं।