सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन की नहीं दी सूचना, स्वास्थ्य विभाग करेगा कार्रवाई

Update: 2023-04-28 15:11 GMT

एनसीआर गाजियाबाद: गाजियाबाद में संचालित सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन संचालकों द्वारा तीन माह बाद भी स्वास्थ्य विभाग को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई की तैयारी में हैं। पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. चरण सिंह ने कहा कि मशीनों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने और विभाग को सूचना नहीं देने वाले सेंटरों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

रेडियोलॉजिस्ट के अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन का विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। उसी तरह अब सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों का भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. चरण सिंह ने बताया कि इस संबंध में दिसम्बर 2022 में शासन स्तर से निर्देश जारी कर दिए गए है। निर्देशानुसार शासन ने भ्रूण लिंग परीक्षण की आशंकाओं को देखते हुए सीटी स्कैन मशीन और एमआरआई मशीनों का भी पीसीपीएनडीटी (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) अधिनियम 1994 के तहत स्वास्थ्य विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने और मासिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश हैं।

सीटी स्कैन मशीन और एमआरआई मशीन के जरिए भू्रण लिंग परीक्षण संभव है। इनके साथ ही अन्य जिन उपकरणों के जरिए परीक्षण संभव है सभी का पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन संचालित करने वाले अस्पतालों, आईएमए व रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन को सूचना जारी कर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया। लेकिन तीन माह बाद भी अधिकांश संचालक रजिस्ट्रेशन कराने को गंभीर नहीं है। 

रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर कार्रवाई की तैयारी: निर्देश जारी होने के 3 माह बाद भी अब तक करीब 12 संचालकों द्वारा ही रजिस्ट्रेशन कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सीटी स्कैन और एमआईआर सेंटर की संख्या 50 से अधिक है। जबकि पंजीकृत अल्ट्रासांउड की संख्या 362 है। सीटी स्कैन एवं एमआरआई मशीनों की सूचना नहीं देने और इनका रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर स्वास्थ्य विभाग सख्ती के मूड में है। डॉ. चरण सिंह के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के साथ ही 15 मई तक ऑनलाइन अवश्य करा लें। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर मशीनों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

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