Covid-19 Vaccination: DCGI ने 7 से 11 साल के बच्चों के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स को दी मंजूरी
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स को कुछ शतरें के साथ सात से 11 वर्ष की आयु के बच्चों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स को कुछ शतरें के साथ सात से 11 वर्ष की आयु के बच्चों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जेन्नोवा बायोफार्मक्यूटिक्ल की एमआरएनए वैक्सीन की दो डोज को भी आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूर की गई है। इसका इस्तेमाल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर होगा। सूत्रों ने बताया कि यह पहली वैक्सीन होगी जिसका स्टोरेज 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिरता के साथ किया जा सकता है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने 16 मार्च को आवेदन दिया था
इससे पहले पिछले सप्ताह सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सात से 11 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोवोवैक्स को आपातकालीन उपयोग किए जाने सिफारिश की थी। सीरम इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन के लिए 16 मार्च को आवेदन दिया था। पिछले महीने एक्सपर्ट कमेटी ने कंपनी से कुछ और डाटा की मांग की थी। शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट ने दो से सात साल के बच्चों को भी कोवोवैक्स वैक्सीन देने के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी थी लेकिन विशेषज्ञ समिति की ओर से सात से 11 साल के बच्चों को यह वैक्सीन देने की मंजूरी मिली है।
कोवोवैक्स वैक्सीन 12-17 साल की आयु के बच्चों के लिए है उपलब्ध
डीसीजीआइ ने पिछले साल कोवोवैक्स वैक्सीन की विशेष परिस्थिति में वयस्कों को देने के लिए सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके बाद इस साल नौ मार्च को 12 से 17 साल के बच्चों को यह वैक्सीन विशेष परिस्थिति में देने की अनुमति दी थी। मई में कोविन (CoWIN) पोर्टल पर किए गए प्रावधान के आधार पर एसआइआइ (SII) का कोवोवैक्स (Covovax) वैक्सीन 12 से 17 साल की आयु के बच्चों के लिए उपलब्ध हो गया है। कोवोवैक्स की पहली और दूसरी खुराक के बीच का समय 21 दिन है।
बता दें कि इससे पहले डीसीजीआई ने 5 से 12 साल के लिए बायोलाजिकल ई के कार्बेवैक्स और 6-12 साल के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के लिए प्रतिबंधित आपातकालीन मंजूरी को मंजूरी दे दी है, लेकिन एनटीएजीआई द्वारा अनुमोदन अभी भी लंबित है।