अदालत ने चेक बाउंस मामले में बिजली उपभोक्ता पर लगाया 1.90 लाख का जुर्माना
दिल्ली कोर्ट रूम: डिजिटल कोर्ट सैंट्रल, तीस हजारी अदालत स्थित डिजिटल कोर्ट सैंट्रल की न्यायाधीश ने नाहरपुर गांव के निवासी और टाटा पावर-डीडीएल के उपभोक्ता प्रदीप शर्मा को बिजली बिल का भुगतान करने के बदले उनके द्वारा ज़ारी चेक के बाउंस होने पर दस हजार की क्षतिपूर्ति करने या तीन महीने कारावास की सज़ा काटने का आदेश दिया है। टाटा पावर-डीडीएल चेक बाउंस मामले में यह पहला अवसर है जबकि किसी उपभोक्ता को सज़ा सुनाई गई है। अदालत ने डिसकॉम द्वारा द नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (एनआई) एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत दायर मामले में यह आदेश पारित किया है।
उपभोक्ता ने अपने बिजली बिल का भुगतान करने के बदले 1,73,620 का चेक ज़ारी किया था जो डिस्ऑनर हो गया जिसकी क्षतिपूर्ति के तौर पर माननीय अदालत ने दस हजार की क्षतिपूर्ति का आदेश जारी किया।