नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस द्वारा करीब छह साल पहले हत्या के प्रयास के एक मामले में आरोपी बनाए गए व्यक्ति को आरोप मुक्त कर दिया है। अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए कहा कि मामले में एकमात्र गवाह, जो इस प्रकरण में शिकायतकर्ता भी है, की गवाही ''विश्वसनीय नहीं है' और न ही भरोसा करने लायक है। प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश दीपक जगोत्रा ने फैसले में कहा, ''तथ्यों और मामले की परिस्थितियों पर संपूर्णता से विचार करने के बाद अभियोजन द्वारा तैयार पूरा मामला कहीं टिकता नहीं है।
अभियोजन पूरी तरह से आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला साबित करने में असफल रहा है।'' इसी के साथ अदालत ने अप्रैल 2016 में कथित पीड़ित विपिन को गंभीर रूप से घायल करने के आरोपी राशिद अली को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक चार अप्रैल 2016 को शिकायतकर्ता और चाय दुकानदार विपिन द्वारा टूटे गिलास में चाय देने पर आरोपी ने कैंची से कथित पीड़ित पर तीन बार हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस मामले में पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहित की धारा-307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।