कोरोना वैक्सीन: बायोलाजिकल-ई ने बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को एक कारगर हथियार माना जा रहा है।
नई दिल्ली, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को एक कारगर हथियार माना जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में देश को कुछ और नई वैक्सीन इस लड़ाई में हथियार के तौर पर मिल सकती हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि बायोलाजिकल-ई (Biological-E) ने देश के दवा नियामक से 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए अपनी कोविड-19 वैक्सीन 'कोर्बेवैक्स' के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है।
मालूम हो कि पिछले साल 28 दिसंबर को देश के औषधि नियामक (Drugs Controller General Of India, DCGI) ने वयस्कों में कोर्बेवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। कोरोना के खिलाफ कोर्बेवैक्स स्वदेशी वैक्सीन है। यह देश की पहली आरबीडी प्रोटीन आधारित सब-यूनिट वैक्सीन है। DCGI की ओर से पिछले साल सितंबर में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी प्रदान की गई थी।
बायोलाजिकल-ई (Biological-E) ने 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स के क्लिनिकल ट्रायल के लिए डीजीसीआई के समक्ष नौ फरवरी को आवेदन दिया था। दवा निर्माता बायोलाजिकल-ई ने डीजीसीआई की ओर से जारी किए गए अनुमति पत्र के आधार पर पिछले साल अक्टूबर महीने में क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया। कंपनी (Biological-E) की ओर से इस ट्रायल के दौरान टीके की सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता के परिणामों का आकलन किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की ओर से किए गए आकलन में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स सुरक्षित और प्रभावी पाई गई है। औषधि नियामक (Drugs Controller General Of India, DCGI) के समक्ष बायोलाजिकल-ई (Biological-E) की ओर से दिया गया प्रस्तावित आवेदन उक्त क्लीनिकल परीक्षणों के नतीजों पर आधारित है। कोर्बेवैक्स दो खुराक वाला टीका है जो मांसपेशियों में लगाया जाता है। इसकी दोनों खुराक 28 दिनों के अंतर पर लगाई जाती हैं।