ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ जारी भेदभाव गंभीर चिंता का विषय, हम उन्हें न्याय देने में असमर्थ रहे: एनएचआरसी अध्यक्ष
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय संविधान और अन्य वैधानिक संस्थानों में मानव अधिकार सिद्धांतों के प्रावधानों के लागू होने के बावजूद, हम ट्रांसजेंडर समुदाय को न्याय देने में असमर्थ रहे हैं। वे एलजीबीटीआई मुद्दों पर एनएचआरसी कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
अरुण मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में गरिमापूर्ण व्यवहार का अधिकार होना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने सुरक्षित सार्वजनिक स्थान और यूनिसेक्सम सार्वजनिक शौचालय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ जारी भेदभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि लंबे समय तक चलने वाले मनोवैज्ञानिक आघात, माता-पिता द्वारा देखभाल से इनकार और शैक्षणिक संस्थानों में भावनात्मक और शारीरिक शोषण से निपटा जाना चाहिए। अरुण मिश्रा ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के दस्तावेजीकरण के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया जो उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं, लाभों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने से रोकता है।
बैठक में एनएचआरसी सदस्य, ट्रांसजेंडर मुद्दों पर एनएचआरसी के विशेष मॉनिटर और आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय और राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नागरिक समाज के सदस्यों और ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
--आईएएनएस