चाइनीज मांझे को लेकर दिल्ली पुलिस की सख्ती के बावजूद राजधानी में धड़ल्ले से बिक रहे चाइनीज मांझे ने पिछले 20 दिनों में करीब 3 लोगों की जान ले ली. दिल्ली में अमूमन लोग 15 अगस्त के बाद कुछ दिनों तक पतंग उड़ाते हैं, लेकिन ताजा मामले चौंकाते हैं.
इस दौरान बेकाबू पतंगबाज चाइनीज मांझा उड़ाते हैं तो दुकानदार चोरी-छिपे बेचते हैं. यही वजह है कि बैन के बाद भी मांझा बिकने से मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. 25 जुलाई को हैदरपुर फ्लाईओवर पर 30 साल के सुमित रंगा की मांझे से गला कटने से मौत हो गई. 11 अगस्त को शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर 35 साल के बाइक सवार युवक की मौत हो गई, जब वह बीवी और बेटे के साथ कहीं जा रहा था.
14 अगस्त को मानसरोवर पार्क इलाके में रविवार को मांझे से स्कूटी सवार टेंट कारोबारी की गला कट जाने से मौत हो गई. मृतक का नाम अभिषेक बताया गया. पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत की धारा में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बदरपुर फ्लाईओवर पर 28 साल के फूड डिलीवरी बॉय का गला मांझे ने रेत दिया.
दिल्ली पुलिस का यह आंकड़ा बताता है 2017 में पहली बार बैन लगने के बाद से जुलाई, 2022 तक 6 लागों की मौत चाइनीज मांझे ने ले ली. नॉर्थ दिल्ली पुलिस के डीसीपी सागर सिंह कलसी का कहना है कि अक्सर मांझे से घायल होने वाले लोग मामूली घटना समझकर रिपोर्ट नहीं करते. अब मामले अधिक होने लगे तो लोगों को लगा कि पुलिस की चूक है. 15 अगस्त से ठीक एक दिन पहले आउटर डीसीपी समीर शर्मा ने निहाल विहार इलाके के अशोक कुमार को चाइनीज मांझा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया.
दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़े कहते हैं कि सबसे ज्यादा मांझे की बरामदगी नॉर्थ-वेस्ट जिले में हुई है. पुलिस ने वहां से 11,923 मांझे बरामद किए. नई दिल्ली इलाके में मांझे का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ तो सेंट्रल दिल्ली में 1325 मांझे जब्त किए गए.