गुजरात दौरे पर जाएंगे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया संग गुजरात दो दिवसीय

Update: 2022-08-20 16:03 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली में नई आबकारी नीति पर मचे शोर के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने जानकारी दी कि वे सोमवार को दो दिवसीय गुजरात दौरे पर जा रहे हैं. खास बात यह कि उनके साथ इस बार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी साथ होंगे. गुजरात में इस वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में चुनावी जमीन मजबूत करने के लिए अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे पर जा रहे हैं.22 अगस्त को गुजरात दौरे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि, "सोमवार को मैं और मनीष दो दिन के लिए गुजरात जाएंगे - शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी देने. दिल्ली की तरह गुजरात में भी अच्छे स्कूल, अच्छे अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक बनाएंगे. सबको अच्छी शिक्षा और अच्छा इलाज मुफ़्त मिलेगा. लोगों को खूब राहत मिलेगी. युवाओं से भी संवाद करेंगे." हालांकि यह मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी जानकारी से पहले दोपहर 12 बजे मनीष सिसोदिया ने अपने निवास पर हुई सीबीआई रेड के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इस बात की आशंका जताई है कि आने-वाले दो-तीन दिनों में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

बीते दो महीने के दौरान अरविंद केजरीवाल लगभग प्रत्येक सप्ताह गुजरात दौरे पर जा रहे हैं. इससे पहले 16 अगस्त को भी वे गुजरात दौरे पर थे और एक कार्यक्रम को संबोधित किया था. केजरीवाल गुजरात की जनता से तीन गारंटी की घोषणा कर चुके हैं, जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और दूसरी गारंटी सभी बेरोजगारों को नौकरी या तीन हजार प्रतिमाह देने की और तीसरी गारंटी महिलाओं को प्रतिमाह एक हज़ार रुपये देने की कर चुके हैं. दो दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने चुनाव से करीब चार महीने पहले गुजरात की दस सीटों पर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं.ये भी पढ़ें : सिसोदिया ने कहा, केजरीवाल को रोकने के लिए मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2017 के चुनाव में गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव में उतरी थी. लेकिन वो कोई सीट नहीं जीत सकी थी. इस बार पार्टी फिर वहां मुक़ाबला करने उतरी है, लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी बदली हुई नज़र आती है. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 2012 की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया था और बीजेपी की सीटें पहली बार 100 से कम हो गई थीं. हालांकि कांग्रेस को तब बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं मिला था. लेकिन उसके बाद से कांग्रेस की हालत गुजरात में पस्त है.




 


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