चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए उनके खान-पान में बदलाव किए
दिल्ली : दिल्ली राजधानी में गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है। गर्मी से इंसान ही नहीं, वन्यजीव भी परेशान हैं। चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए उनके खान-पान में बदलाव किए हैं। उन्हें मौसमी भोजन दिया जा रहा है। शाकाहारी वन्यजीवों के खाने में ककड़ी, खीरा व तरबूज शामिल किया गया है। वहीं, मांसाहारी वन्यजीवों की डाइट में मांस की मात्रा कम की है। जानवरों को अधिक गर्मी न लगे, इसके लिए उनके बाड़ों में बर्फ, कूलर से लेकर पंखे आदि लगाए गए हैं।
वन्यजीवों के शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए खाने में फल से लेकर सब्जियां विशेष रूप से दी जा रही हैं। बिग कैट प्रजाति के जीव शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू समेत अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन से मीट की मात्रा की गई है। बिग कैट को अब 10 किलोग्राम मांस खाने के लिए दिया जा रहा है। उधर, भालू को आइसक्रीम और हाथियों को तरबूज जैसी चीजें खाने में दी जा रही हैं। चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि जिस दिन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होगा, उस समय भालुओं को भोजन कक्ष में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सीमित रखा जाएगा। हाथियों को प्रेशर पंप का उपयोग करके न्यूनतम तीन बार पानी की बौछार से नहलाया जा रहा है। सभी हाथियों के बाड़ों में वैकल्पिक रूप से रेत का सांचा लगाया है। उधर, गैंडों को कम से कम दो बार पानी की बौछार दी जा रही है।
दो शिफ्ट में जानवरों को बाड़ों में छोड़ा जाएगा
गर्मी को देखते हुए जानवरों को दो पालियों में बारी-बारी से बाड़ों में छोड़ा जाएगा। इसमें पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे से लेकर 12 बजे तक है और दूसरी दोपहर 12 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक है। इसके अलावा मांसाहारी जानवरों के बाड़ों और क्रालों में मौजूद तालाब की मरम्मत की जा रही है, जिसमें बारी-बारी से पानी भरा जाएगा। इसके अलावा दिन में जब दर्शक जानवरों को देखने आते हैं, तब पानी को ठंडा रखने के लिए तालाब में पानी बहता रहेगा।
बाड़ों में लगे स्प्रिंकलर व कूलर
गर्मी से राहत दिलाने के लिए जानवरों के बाड़ों में स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है। साथ ही, बाड़ों में धूप से बचने के लिए शेड भी लगाया है, जिससे पानी की ठंडक बनी रहे। बाघ, शेर, तेंदुआ, सियार, लकड़बग्घा, भेड़िया, जंगली कुत्ता और भारतीय लोमड़ी सहित सभी मांसाहारी बाड़ों में फव्वारे भी चालू किए गए हैं। सभी बाड़ें में वाटर कूलर रखे जा रहे हैं और दिन-रात कूलर की जांच की जा रही है।
विजिलेंस टीम बदलते मिजाज को समझेगी
चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, वन्यजीवों के बाड़ों का तापमान को मापने के लिए दीवारों पर थर्मामीटर लगाए जाएंगे। इससे उनके बाड़े और उनका तापमान मापा जाएगा। वहीं, मौसम के बदलाव से जानवरों के व्यवहार में होने वाले बदलाव को समझने के लिए विजिलेंस टीम बनाई गई है, जो पीक समय में बाड़ों में जाकर जानवरों को देखेंगे। अगर किसी जानवरों के व्यवहार में बदलाव होगा तो उन्हें तुरंत जू के अस्पताल में लेकर आने की हिदायत दी गई है।