नोएडा प्राधिकरण की 206वीं बोर्ड बैठक में सीईओ ऋतु महेश्वरी सरकार के सामने रखेंगी 15 प्रस्ताव

Update: 2022-09-19 06:49 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नए नोएडा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण की 206वीं बोर्ड बैठक होगी। बताया जा रहा है कि इस बोर्ड बैठक में नए नोएडा के मास्टर प्लान को मंजूरी दी जाएगी। जिसमें हेलीपोर्ट से लेकर हैबिटेट सेंटर और सिटी बस टर्मिनल समेत करीब 15 प्रस्ताव रखे जाएंगे। गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 84 गांव को मिलाकर नया नोएडा बनाया जा रहा है। इसको लेकर काफी तेजी के साथ कार्य चल रहा है।

मास्टर प्लान लगभग फाइनल हुआ: नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि खासतौर से दादरी और बुलंदशहर जमीन पर बसने वाले ने नोएडा के मास्टर प्लान को लेकर मंजूरी का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें दादरी, नोएडा और गाजियाबाद विशेष क्षेत्र का नाम दिया गया है। इसका मास्टर प्लान लगभग फाइनल हो चुका है, लेकिन अभी यह तय होना बाकी है कि आखिर का जमीन का अधिग्रहण कैसे किया जाएगा।

सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों को सेवा में रखने का प्रस्ताव: अधिकारी ने बताया कि फाइनेंसियल मॉडल भी तय हो गया है। इसके अलावा सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों को आगामी 6 महीने तक सेवा में रखे जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस बोर्ड बैठक में उत्तर प्रदेश शासन के उच्च अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी समेत इस बैठक में काफी अधिकारी शामिल होंगे।

आज 4:00 बजे होगी हाईलेवल बैठक: नए नोएडा का मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) दिल्ली ने तैयार किया है। इसको लेकर सोमवार को एसपीए प्रेजेंनटेशन देगा। शाम 4 बजे दिल्ली के फिक्की ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में नोएडा प्राधिकरण के सभी बड़े अधिकारियों के अलावा स्टेक होल्डर के रूप में निवेशक उपस्थित रहेंगे। खासतौर से इसमें डेवलपरों को बुलाया गया है। उनको मास्टर प्लान की जानकारी देकर इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। यह 87 गांवों की जमीन पर बन रहा है।

योगी सरकार का खजाना भरेगा नया नोएडा: प्राधिकरण को एसपीए से मिली रिपोर्ट के मुताबिक नया नोएडा करीब 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा। जिसमें 41 प्रतिशत में औद्योगिक संपत्ति, 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और रिएक्शनल, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत स्थान व्यावसायिक संपत्ति के लिए प्रयोग के लिए चिन्हित किया गया है। पूरा शहर एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार फेज में बसाया जाएगा। अप्रैल 2023 तक शासन से मंजूरी लेने के प्रयास किए जाएंगे। नए नोएडा का बड़ा एरिया होने की वजह से नोएडा प्राधिकरण यहां का तेजी से विकास कराने के लिए पीपीपी मॉडल भी चुनने का विकल्प रखा हुआ है।

Tags:    

Similar News

-->