दिल्ली के सदर बाजार में बड़े पैमाने पर कई संपत्तियों पर लटकी सीलिंग की तलवार
दिल्ली: सदर बाजार में बड़े पैमाने पर संपत्तियों पर सीलिंग की तलवार लटक रही है। निगम के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने अनियमित संपत्तियों का सर्वे कर तत्काल प्रभाव से सील करने का निर्देश दिया है। इसी आदेश के तहत एमसीडी ने सदर बाजार में व्यावसायिक संपत्तियों का सर्वे कराया है, जिसमें बड़े पैमाने पर संपत्तियों को 'मिस यूज प्रॉपर्टी' घोषित किया गया है।
इन्हें एमसीडी की तरफ से नोटिस देने का सिलसिला शुरू किया गया है। एमसीडी की तरफ से बताया गया कि सदर बाजार इलाके का सर्वे करने पर पता चला कि यहां पर बड़े पैमाने पर रिहायशी संपत्तियों के भीतर व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इन्हें कागजात दिखाने का समय दिया गया, लेकिन वह कागजात नहीं दिखा पाए। इसके बाद इन्हें नोटिस देना शुरू किया गया है।
एमसीडी के अधिकारियों ने इस मामले में साफ रुख अपनाया है। इनका कहना है कि जिन्हें लगता है कि उन्हें एमसीडी से गलत तरीके से नोटिस दिया गया है वह कोर्ट जाकर एमसीडी की कार्रवाई के खिलाफ चुनौती दे सकते हैं। एमसीडी के मुताबिक बीते बृहस्पतिवार को गली जटवाड़ा और शिवाजी रोड पर अनधिकृत पाई गईं 16 संपत्तियों को सील किया गया, जिसका सदर बाजार के व्यापारियों ने पुरजोर विरोध किया। विरोध के लिए सड़क पर उतरे व्यापारियों को भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं का साथ मिला। सीलिंग के मुद्दे पर राजनीति और गरमाने की पूरी आशंका है।
एमसीडी के मुताबिक सीलिंग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के दिशा निर्देेश पर की गई है। एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि सड़क पर सीलिंग का विरोध करना ठीक नहीं है। जिन्हें लगता है कि सीलिंग की कार्रवाई अनुचित है उन्हें कानूनी रूप से इसका विरोध करना चाहिए। मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश पर सीलिंग की कार्रवाई जारी रहेगी।