नई दिल्ली: सीबीएसई, यूनिसेफ और यूवाह ने युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से युक्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत हाशिये पर रहने वाली आबादी से आने वाले छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत छात्रों को करियर सलाह, छात्रों को सक्षम बनाना और व स्वयं सेवा कला भी सिखाई जाएगी।
एनईपी रटने की बजाय कौशल पर देती है जोर: निधि छिब्बर
बैठक में तय हुआ कि छात्रों की आय के लिए पहल करना, छात्रों को 21वीं सदी कौशल युक्त करके रोजगार योग्य बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) चेयरमैन निधि छिब्बर ने इस समझौते पर कहा कि नई शिक्षा नीति(एनईपी) ने रटकर सीखने के बजाय कौशल विकास पर अधिक जोर दिया है।
पीटूई पहल छात्रों को सिखाएगी 21वीं सदी के कौशल: इसलिए स्कूल स्तर से ही छात्रों को कौशल आधारित गतिविधियों को सिखाया जाएगा। पासपोर्ट टू अर्निंग(पीटूई) उन पहलों में से एक है जो समर्थित हैं। हम इस पहल का स्वागत करते हैं जो हमारे छात्रों को 21वीं सदी कौशल सीखने का अवसर प्रदान करेगी।