CAG टीम ने नोएडा अथॉरिटी के खातों की जांच की शुरू

Update: 2022-07-16 07:24 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) से जुड़ी बड़ी खबर है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अथॉरिटी के खातों की जांच शुरू कर दी है। करीब 13 वित्त वर्षों के खाता-बही जांचे जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से ऑडिटरों की टीम प्राधिकरण में डेरा डालकर पड़ी है। तमाम विभागों से बैंक खाते, लेजर और दूसरे जरूरी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर पिछले 13 वित्त वर्षों के दौरान आय और व्यय के ब्यूरो जांच के दायरे में हैं।

8 महीनों में परफॉर्मेंस ऑडिट पर जवाब नहीं दे पाया प्राधिकरण: नोएडा अथॉरिटी के कामकाज को लेकर पिछले साल दिसंबर में सीएजी की रिपोर्ट आई थी। जिसमें तमाम आपत्तियां लगाई गई हैं। करीब 8 महीने बीतने के बावजूद अभी तक प्राधिकरण आपत्तियों के जवाब नहीं दे सका है। कम्प्लायन्स नहीं कर पाया है। कुल मिलाकर साल 2005 से 2018 के बीच परफाॅर्मेंस ऑडिट की आपत्तियों का जवाब नोएडा अथॉरिटी पूरी तरह नहीं भेज पाई है। अब अथॉरिटी में अकाउंट ऑडिट शुरू हो गया है। इसके लिए लखनऊ से तीन दिन पहले सीएजी की टीम अथॉरिटी दफ्तर आ गई हैं। टीम के अफसर अथॉरिटी के विभागों से ऑडिट को लेकर सवाल कर रहे हैं। अकाउंट ऑडिट पहले चरण में साल 2005 से 2018 तक होगा।

अकाउंट ऑडिट में सीएजी यह जांच करेंगे: लखनऊ से आई टीम में एक सदस्य ने बताया कि इस लेखा परीक्षा के दौरान देखा जाएगा कि अथॉरिटी के अकाउंट में कितनी रकम कहां से आई है। फिर इस रकम का खर्च कहां और कैसे किया गया है। जिन डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट में रकम गई, उनके अकाउंट की स्थिति क्या रही है। अथॉरिटी पैसा खर्च करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाती है। इस प्रक्रिया के क्या गुण दोष हैं। पिछले दिनों औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने प्राधिकरण की समीक्षा की थी। उस दौरान उन्होंने प्राइवेट बैंकों को बेहद कम ब्याज दरों पर भारी-भरकम पैसा देने का एतराज जाहिर किया था। अकाउंट ऑडिट में इसी तरह के मामले सामने आएंगे। आपको बता दें कि सीएजी ने करीब 400 पन्नों की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है। दर्जनों भूमि आवंटन और अधिग्रहण के मुद्दों पर आपत्तियों की भरमार है।

एकाउंट ऑडिट को लेकर प्राधिकरण अफसर चौकन्ने: पहले प्राधिकरण की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट और अब अकाउंट ऑडिट शुरू होने पर अफसरों में सुगबुगाहट है। परफॉर्मेंस ऑडिट में सामने आया कि साल 2005 से 2018 तक चाहे स्पोर्ट्स सिटी प्रॉजेक्ट हों या फार्म हाउस योजना, सबमें धांधली हुई हैं। दर्जनों अधिग्रहण और आवंटन में गड़बड़ी हैं। प्राधिकरण की जमीन पर अतिक्रमण है। अथॉरिटी का पूरा कामकाज आपत्तियों के घेरे में है। लगाई गई सभी आपत्तियों पर अथॉरिटी को जवाब देना है। अथॉरिटी जवाब बनाकर भेज रही है। ऑडिट में सीएजी ने अथॉरिटी को हुए वित्तीय घाटे का अनुमान लगाया। कुछ सुझाव दिए हैं। इन सुझाव में जांच करवाने की सिफारिश शामिल है।

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