दिल्ली: निगम चुनाव में भाजपा पदाधिकारियों ने लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने और जीत का परचम फहराने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को आगे रखने का दावा किया। लेकिन लगभग पचास सीटों पर पार्टी ने अपने सर्वे में भी कार्यकर्ताओं की बेरुखी या फिर कहें निवर्तमान पार्षदों को उतारने को अपनी गलती के तौर पर दर्शाया। इसके अलावा करीब आधा दर्जन सीटों पर बागी नेताओं के निर्दलीय खड़े हो जाने से भी भाजपा को नुकसान मिलने की आशंका बनी हुई है। अगर यह सब स्थिति नहीं बदली तो फिर लगातार चौथी बार निगम में सरकार बनाने का भाजपा का सपना इस बार अधूरा रह सकता है।
दरअसल पार्टी के कैडर वोटर ने इस बार प्रत्याशियों के चयन में गड़बड़ी को लेकर कई तरह से अपनी नाराजगी पार्टी आलाकमान के समक्ष जताई थी। यहां तक कि टिकट तय किये जाने के लिए हुई बैठक में खुद सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के बीच भी कई नाम पर एक दूसरे को खरी-खरी सुनाने में कोई पीछे नहीं रहा। नौबत यह हुई कि अंतिम दिन दोपहर बाद करीब आधा दर्जन सीटों पर नाम की घोषणा की गई। इसके अलावा पार्टी से लंबे समय से जुड़े रहे वरिष्ठ नेता धर्मवीर सिंह ने कई अन्य बागी नेताओं के साथ मिलकर नई पार्टी की घोषणा कर दी और उसके बैनर पर प्रत्याशियों ने चुनाव भी लड़ा। माना जा रहा है कि यह प्रत्याशी भले ही जीत की दहलीज को न छू पाएं, लेकिन भाजपा का खेल अवश्य बिगाड़ सकते हैं। जिसका सीधा लाभ आम आदमी पार्टी के खाते में जा सकता है और आप प्रत्याशी की झोली में जीत आ सकती है।
हार का तिलस्म तोड़ पाएंगे आदेश: एमसीडी चुनाव संपन्न हो गए और अब हार-जीत के परिणाम भी दो दिन के भीतर सामने होंगे। लेकिन इन सबके बीच एक चर्चा जोरों पर है कि क्या इस बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता हार के तिलस्म को तोड़ पाएंगे? बताया जाता है कि इनके नेतृत्व में हुए उप चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है और इनकी अध्यक्षता में जीत से पार्टी अब तक दूर ही रही है। हाल के राजेंद्र नगर विधानसभा के उप चुनाव और नगर निगम की चार सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा है। हैरत की बात यह है कि निगम में एक सीट(शालीमार बाग)उप चुनाव से पहले भाजपा के पास थी। लेकिन उप- चुनाव में यह सीट भी भाजपा से खिसक गई। इसके अलावा कोंडली, त्रिलोकपुरी की निगम सीट पर भी हार मिली थी।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के स्थान पर यह पदभार दिया गया था। हालांकि मौजूदा और पूर्व दोनों ही अध्यक्ष पुरजोर तरीके से न केवल निगम चुनाव में भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं, बल्कि यह भी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि भाजपा आराम से नगर निगम में सरकार बनाएगी। आदेश गुप्ता ने चुनाव को सफलतापूर्वक शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए चुनाव आयोग का आभार जताया तथा कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद देते हुए अपने ट्वीट में दावा किया कि भाजपा चौथी बार नगर निगम में सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा के लिए भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ निगम में सरकार बनाएगी। लेकिन इससे इतर भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या नगर निगम में भाजपा की सरकार बनेगी और आदेश का नेतृत्व भाजपा के लिए लाभकारी साबित होगा या फिर नतीजा इससे ठीक उलट होगा। नेताओं में यह बात भी होने लगी है कि जिस प्रकार से राजेंद्र नगर के विधानसभा चुनाव में स्थिति अच्छी दिखने के बावजूद परिणाम आम आदमी पार्टी के पक्ष में गया तो कहीं इसी तरह से नगर निगम के चुनाव में भी लहर के विपरीत परिणाम न देखने को मिलेे! भाजपा के एक नेता का कहना है कि एग्जिट पोल कई बार फेल हुए हैं। उनका कहना है कि एग्जिट पोल के उलट उन्हें अब भी पार्टी के आंतरिक सर्वे में मिली सीट(116-120) भाजपा को मिलने की पूरी उम्मीद है।