युवक के प्राइवेट पार्ट पर लात और घूंसों से वार कर उसे बनाया नपुंसक, मजिस्ट्रेस ने DCP से मांगी रिपोर्ट
दिल्ली क्राइम न्यूज़: तीन पुलिसवालों के मिलकर 31 साल के युवक के प्राइवेट पार्ट पर लात और घूंसों से वार कर उसे नपुंसक बनाने के मामले में मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट अंकुर पंगल की अदालत ने डीसीपी से पूरे मामले की एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है। मामला सीमापुरी थाने का है।पीड़ित युवक निशु (31) परिवार के साथ मौजपुर इलाके में रहते हैं। युवक की दूध की डेयरी है।
पूरी घटना जानिए: 1 अगस्त 2022 की शाम वह अपनी महिला मित्र दीपा के साथ वैशाली से स्कूटर पर सवार होकर वापस घर लौट रहे थे। जब उन्होंने सीमापुरी अंडरपास को पार किया तो एक स्कूटी पर सवार युवक ने अपना स्कूटर उनके स्कूटर के आगे लगाकर रोक लिया। आरोप है कि रुकते ही युवक ने उसे पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान दिल्ली पुलिस की वर्दी पहने दो अन्य लोग वहां पहुंच गए। आरोप है कि स्कूटर सवार युवक ने उन दोनों लोगों के साथ उसे बेरहमी से पीटा। आरोपियों ने युवक के प्राइवेट पार्ट पर लात और घूंसों से लगातार कई वार किए। जिससे वह असहनीय दर्द की वजह से बेसुध हो गए। पीड़ित ने अपना फोन निकालकर पुलिस को कॉल करने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उससे फोन भी छीन लिया। उसकी महिला दोस्त के साथ भी बदसलूकी की गई। वहां से वह अपनी महिला दोस्त के साथ किसी तरह से सीमापुरी थाने पहुंचे।
पुलिस की शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई: थाने पहुंचकर उन्होंने पुलिस को आपबीती बताई तो हेड कॉन्स्टेबल संदीप ने उनका बयान लिखना शुरू किया। जब बताया कि दो हमलावरों ने दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, यह सुनकर संदीप ने किसी को कॉल किया। कुछ ही देर में वारदात में शामिल दोनों आरोपी थाने पहुंच गए। तब पीड़ित को पता चला कि आरोपी दिल्ली पुलिस के जवान हैं। इसके बाद पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया। वह असहनीय दर्द से परेशान थे, लेकिन बावजूद इसके उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कराया गया।
पीड़ित ने अपने दोस्तों सचिन, आदेश, मोहित और रौनक को कॉल करके थाने बुलाया। इसके बाद वे उसे जीटीबी हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन वहां उनका इलाज नहीं हुआ। लिहाजा दोस्त मिलकर उसे इलाज के लिए राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल लेकर गए। जहां पर डॉक्टरों ने पीड़ित का इलाज किया। युवक के अंडकोष पर आठ टांके आए। डॉक्टरों ने युवक को पूरी तरह से नपुंसक घोषित कर दिया। पीड़ित ने दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारियों से भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। तब उन्होंने अपने वकील मनीष भदौरिया के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इंसाफ की गुहार लगाई। पीड़ित के वकील ने सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए अपने मुवक्किल के साथ दरिंदगी करने वाले हेड कॉन्स्टेबल रवि, सिपाही प्रमोद और सिपाही मनुज के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराने की मांग की। अदालत ने मामले से जुड़े तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद संबंधत डीसीपी से डिटेल जांच रिपोर्ट तलब की है।