नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राज्य सरकार फीडबैक यूनिट (एफबीयू) के जरिये राजनीतिक जासूसी करा रही थी। इस मामले को लेकर भाजपा आम आदमी पार्टी को घेरने की पुरजोर कोशिश कर रही है। ताजा मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई फीडबैक यूनिट (एफबीयू) को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान भाजपा नेताओं ने सीएम केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है। सीबीआई के अनुरोध पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व एफबीयू से जुड़े पांच अन्य लोगों के खिलाफ केस चलाने की संस्तुति देते हुए कड़ी टिप्पणी के साथ फाइल राष्ट्रपति को भेज दी है। मुख्यमंत्री के सलाहकार (भ्रष्टाचार निरोधक) गोपाल मोहन पर भी एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दी है। 2015 में आप सरकार ने सतर्कता विभाग की मजबूती के लिए यह यूनिट बनाई थी। जासूसी का आरोप लगाकर सीबीआई द्वारा उपमुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने और भाजपा की ओर से निशाना साधने को आप ने झूठ का पुलिंदा बताया है। पार्टी ने कहा है कि सीबीआई और ईडी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गौतम अदाणी के बीच के संबंधों की जांच करनी चाहिए, जहां असली भ्रष्टाचार हुआ है। आप ने कहा है कि पूरा देश जानता है कि राजनीतिक जासूसी नरेन्द्र मोदी करवाते हैं, सिसोदिया नहीं। एफआइआर तो मोदी के खिलाफ होनी चाहिए, न कि सिसोदिया के खिलाफ।