सुप्रीम कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत, 25 फरवरी तक मामला स्थगित

Update: 2022-02-03 12:06 GMT

आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 34 साल पुराने रोड रेज  के मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिंद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. उच्चतम न्यायालय ने 25 फरवरी तक के लिए इस मामले को स्थगित कर दिया है. दरअसल, 27 दिसम्बर 1988 को सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू की पटियाला में कार पार्किंग को लेकर उनकी गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग के साथ कहासुनी हुई थी. इस झगड़े में गुरनाम की मौत हो गई थी. सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया.

पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया. साल 1999 में सेशन कोर्ट से सिद्धू को राहत मिली और केस को खारिज कर दिया गया. कोर्ट का कहना था कि आरोपी के खिलाफ पक्के सबूत नहीं हैं और ऐसे में सिर्फ शक के आधार पर केस नहीं चलाया जा सकता. लेकिन साल 2002 में राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की. 1 दिसम्बर 2006 को हाईकोर्ट बेंच ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी माना.

सिद्धू और संधू को 3-3 साल की सजा

6 दिसम्बर को सुनाए गए फैसले में सिद्धू और संधू को 3-3 साल की सजा सुनाई गई और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 10 जनवरी 2007 तक का समय दिया गया. दोनों आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और 11 जनवरी को चंडीगढ़ की कोर्ट में सरेंडर किया गया. 12 जनवरी को सिद्धू और उनके दोस्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सज़ा पर रोक लगा दी. वहीं शिकायतकर्ता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और सिद्धू को हत्या का दोषी करार देने की मांग की.

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