केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 'कम्युनिटी किचन योजना' को लेकर राज्यों के खाद्य सचिवों का बनाया पैनल
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Food Minister Piyush Goyal) ने राशन दुकानों के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंदों के लिए सरल और पारदर्शी सामुदायिक रसोई स्थापित करने की योजना की रूपरेखा पर विचार करने को लेकर गुरुवार को राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह के गठन की घोषणा की.
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Food Minister Piyush Goyal) ने राशन दुकानों के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंदों के लिए सरल और पारदर्शी सामुदायिक रसोई स्थापित करने की योजना की रूपरेखा पर विचार करने को लेकर गुरुवार को राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह के गठन की घोषणा की. राष्ट्रीय राजधानी में राज्य के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान इस संबंध में निर्णय लिया गया था. ये बैठक सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद बुलाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में केंद्र को तीन हफ्ते के भीतर राज्यों की सहमति के आधार पर सामुदायिक रसोई योजना का मॉडल तैयार करने को कहा गया था.
पीयूष गोयल ने योजना की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि एक सामुदायिक रसोई योजना तैयार करने की आवश्यकता है जो सरल, पारदर्शी और लोगों के लाभ में हो. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, स्वच्छता, विश्वसनीयता और सेवा की भावना के चार स्तंभों पर एक सामुदायिक रसोई बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये हमें कोई भी भूखा नहीं सोए के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.
अधिकारियों के स्तर पर 29 नवंबर को होगी अगली बैठक
एक सरकारी बयान में बैठक में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि सामुदायिक रसोई समुदाय की ओर से संचालित और समुदाय के कल्याण के लिए और समुदाय की ही होगी. पीयूष गोयल ने आगे कहा कि हमें देश के गरीबों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और बच्चों को उचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए सफल और पारदर्शी खाद्य कार्यक्रम चलाने का सामूहिक संकल्प सुनिश्चित करना चाहिए. रूपरेखा प्रस्ताव पर विचार करने के लिए अधिकारियों के स्तर पर अगली बैठक 29 नवंबर को होगी.
केंद्र को शीर्ष अदालत का ये निर्देश देशभर में सामुदायिक रसोई स्थापित करके जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक आवश्यक योजना तैयार करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दायरे से बाहर के व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाने के संबंध में दायर एक रिट याचिका पर आया था ताकि भुखमरी और कुपोषण से लड़ा जा सके. शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों को केंद्र की ओर से आयोजित बैठक में भाग लेने और उक्त योजना के साथ आने में सहयोग करने का भी निर्देश दिया था, जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर समान रूप से लागू किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के बारे में बात करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि ये योजना महामारी के दौरान गरीबों के लिए एक वरदान रही, क्योंकि राशन कार्ड धारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिए गए कोटा से अधिक मुफ्त में खाद्यान्न वितरित किया गया था. उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई संभवत: कोविड के समय में शुरू किया गया दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य कार्यक्रम है. देश में कोई भी खाद्यान्न से वंचित नहीं था. ये हमारा संकल्प होना चाहिए कि गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न लाभार्थियों तक पहुंचे. पीएमजीकेएवाई योजना को अब चार महीने के लिए बढ़ाकर 22 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है. बैठक में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे सहित अन्य लोग उपस्थित थे.