दिल्ली न्यूज़: पुरानी दिल्ली में लाल किले की तरफ से चांदनी चौक में एंट्री लीजिए। तंग गलियों में कुछ मिनट चलिए। फिर दायें मुड़िए और सामने बोर्ड पर लिखा दिखेगा- 'भगीरथ पैलेस बिजली मार्किट आपका हार्दिक स्वागत करती है।' दिल्ली की सबसे पुरानी मार्केट्स में से एक, भगीरथ पैलेस की पहचान इलेक्ट्रॉनिक्स के चलते है। बिजली के तार से लेकर खिलौने वाली कार तक, फ्रिज-एसी से लेकर अल्टा-मॉडर्न टीवी और साउंड सिस्टम्स तक… भगीरथ पैलेस मार्केट में आपको सब मिलेगा। चांदनी चौक की इस मार्केट को 'लाइट वाली गली' भी कहते हैं। गुरुवार रात इसी 'लाइट वाली गली' में भीषण आग लगी। आग इतनी भयानक थी कि 100 से ज्यादा दुकानें चपेट में आ गईं। आग पर लेटेस्ट अपडेट यहां क्लिक कर देख सकते हैं। चांदनी चौक के चर्चे फिल्मों से लेकर साहित्य में खूब हुए हैं, आइए आपको यहां की बेहद खास भगीरथ पैलेस मार्केट से रूबरू कराते हैं।
दिल्ली की भगीरथ मार्केट का इतिहास क्या है?
भगीरथ पैलेस का इतिहास 200 साल से भी पुराना है। इसके नाम में महल है लेकिन आज यह जगह बेहद कंजस्टेड है। असल में यह एक महल ही है जिसे बेगम समरू ने बनवाया था। भारत की इकलौती कैथालिक शासक मानी जाने वाली बेगम समरू सरधना पर राज करती थीं। बेगम समरू के पास अकूत संपत्ति थी जिनमें 200 साल से भी ज्यादा पुरानी यह इमारत भी शामिल थी। बेगम समरू ने चांदनी चौक में इसे भारतीय और वेस्टर्न शैली के फ्यूजन की तरह बनवाया था। तब इसे 'बेगम समरू बाजार' के नाम से जानते थे। मुगलों की करीबी रहीं बेगम समरू के निधन के बाद यह इमारत कई मालिकों से होते हुए सेठ भगीरथ के हाथों में पहुंची। उन्हीं के नाम पर इसे भगीरथ पैलेस नाम मिला।
भगीरथ मार्केट में क्या मिलता है? यहां कितनी दुकानें हैं?
चांदनी चौक की भगीरथ पैलेस मार्केट इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मशहूर है। न सिर्फ दिल्ली, बल्कि एनसीआर के शहरों से लोग यहां खरीदारी करने आते हैं। भगीरथ पैलेस मार्केट में हर तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान मिलता है। फिर चाहे वह वायरिंग का सामान हो या बच्चों के इलेक्ट्रिक खिलौने। बेसिक से लेकर एडवांस्ड इलेक्ट्रिकल्स तक, हर तरह के प्रोडक्ट्स के लिए यह वन स्टॉप मार्केट है। स्पेशल लाइट्स हों या एक से बढ़कर मॉडर्न अप्लायंसेस, भगीरथ पैलेस मार्केट आपको निराश नहीं करती। बिजली की इस महामार्केट में करीब 2,000 दुकानें हैं।
भगीरथ पैलेस मार्केट की प्रॉब्लम क्या है?
भगीरथ पैलेस ही नहीं, पूरे चांदनी चौक की वही प्रॉब्लम है- तंग गलियां और भारी भीड़। तारों का मकड़जाल इस एरिया को बेहद खतरनाक बनाता है। हर साल यहां शॉर्ट सर्किंग से आग लगने की खबरें आती हैं। तंग गलियों में आग लगने पर दमकल की गाड़ियां भी नहीं पहुंच पातीं जैसा कि गुरुवार-शुक्रवार की रात देखने को मिला। व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले दिनों जब चांदनी चौक का रेनोवेशन हुआ तो मेन रोड पर अतिक्रमण से थोड़ी निजात जरूर मिली, मगर गलियों में हालात जस के तस हैं।