पुलिस ने आरोपी के पास से 75 डेबिट कार्ड, 80 बैंक पासबुक, 48 चेकबुक, 15 आधार, चार पैनकार्ड, दो पीओएस मशीन और 22 लाख कीमत की एक कार व अन्य सामान बरामद किया है। बैंक की ओर से शिकायत की गई थी कि आरोपी ने 85 लाख रुपये का चूना लगाया है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे बदमाश को दबोचा है जो फर्जी कागजातों के आधार निजी बैंकों में अकाउंट खोलकर चूना लगा रहा था। आरोपी अकाउंट के आधार पर क्रेडिट कार्ड कार लोन और दूसरे लोन लेकर बैंक को चूना लगा रहा था। पकड़े गए आरोपी की पहचान गौतमपुरी निवासी मोहम्मद अनीस सैफी (38) के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपी के पास से 75 डेबिट कार्ड, 80 बैंक पासबुक, 48 चेकबुक, 15 आधार, चार पैनकार्ड, दो पीओएस मशीन और 22 लाख कीमत की एक कार व अन्य सामान बरामद किया है। बैंक की ओर से शिकायत की गई थी कि आरोपी ने 85 लाख रुपये का चूना लगाया है। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों एचडीएफसी बैंक के एक प्रतिनिधि जतिन बंसल ने अपराध शाखा को ठगी की शिकायत दी थी। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके बैंक में 32 लोगों ने बचत खाते खोले थे। यह खाते दरियागंज और पूर्वी दिल्ली के शाखाओं में वर्ष 2018 से 2020 के बीच खोले गए थे। इनमें 23 दरियागंज में खोले गए थे। इन खातों की पड़ताल की गई तो पता चला कि बैंक अकाउंट होल्डर के नाम अलग-अलग हैं, लेकिन इन पर फोटो एक ही लगाई गई थी।
इन खातों में कार लोन, क्रेडिट कार्ड व दूसरी लोन की सुविधाएं ली गई थीं। आरोपियों ने रुपये लेने के बाद उसका भुगतान नहीं किया था। इन खातों के जरिये बैंक को 85.23 लाख का चूना लगाया गया था। बैंक ने जब इन खाता धारकों का पता लगाने का प्रयास किया तो यह नहीं मिले। अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि 28 जुलाई को इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई।
मामले की जांच के लिए एसीपी राकेश कुमार व अन्यों की टीम को लगाया गया। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि वारदातों को अनीस सैफी नामक व्यक्ति अंजाम दे रहा है। पुलिस ने आरोपी को सीलमपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह गरीब लोगों के कागजात बहला-फुसला ले लिया करता था। इसके बाद उन कागजातों के आधार पर खाते खोल लेता था। इन कागजातों पर अपनी फोटो लगाने के बाद उसे बैंक में दिक्कत नहीं होती थी। कुछ बैंक में खाता रखने के बाद बैंक उसे आसानी से लोन व दूसरी सुविधाएं दे दिया करता था, जिनको वह कभी नहीं लौटाता था।