नोएडा न्यूज़: प्राधिकरण की ओर से बिल्डर पर एक और सख्ती बरतने की तैयारी है. अब हर बिल्डर परियोजना का एस्क्रो एकाउंट खोला जाएगा. एकाउंट खोले जाने की शुरुआत इसी महीने हो जाएगी. इससे बिल्डर खरीदारों से बुकिंग के नाम पर मिलने वाली रकम में हेराफेरी नहीं कर सकेंगे. साथ ही, तय अनुपात के तहत प्राधिकरण को बकाया मिल सकेगा.
नोएडा में बिल्डर की ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी करीब 115 परियोजनाएं हैं. इनके अलावा करीब 79 स्पोर्ट्स सिटी की परियोजनाएं हैं. बिल्डर खरीदारों से तो पैसा ले रहे, लेकिन प्राधिकरण का बकाया नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब प्राधिकरण ने हर निर्माणाधीन बिल्डर परियोजना का एस्क्रो एकाउंट खुलवाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सीईओ ने मंजूरी दे दी है.
प्राधिकरण अधिकारियों कहना है कि इसके लिए एक एजेंसी का चयन किया जाएगा. इसी महीने से एकाउंट खुलवाने का क्रम शुरू हो जाएगा. ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी अधिकांश परियोजनाओं में काम पूरा हो चुका है. अब सिर्फ यूनिकेट, आम्रपाली, सुपरटेक बिल्डर की, वो ही परियोजनाएं चल रहीं है, जिनके मामले अलग-अलग न्यायालयों में विचाराधीन हैं. स्पोर्ट्स सिटी के तहत परियोजनाएं विकसित होने में समय लगेगा. आने वाले दिनों में इनमें बड़े स्तर पर बुकिंग होगी.
नोएडा विकास प्राधिकरण ने करीब 10-12 साल पहले सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में चार बिल्डर को स्पोर्ट्स सिटी के लिए जमीन दी थी, लेकिन अब यहां पर ये भूखंड 79 टुकड़ों में बिक चुके हैं. इन बिल्डर पर प्राधिकरण का करीब 8200 करोड़ रुपये बकाया हो गया है. जनवरी 2021 से प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी की परियोजना के लिए नक्शा पास करने, अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने आदि पर रोक लगा रखी है, लेकिन बिल्डर फ्लैट की धड़ल्ले से बुकिंग कर रहे हैं. बुकिंग करने के बावजूद प्राधिकरण का बकाया नहीं दे रहे हैं. इस वजह से सबसे पहले स्पोर्ट्स सिटी की परियोजनाओं के एस्क्रो एकाउंट खोले जाएंगे.
क्या है एस्क्रो एकाउंट
रेरा अधिनियम के तहत एक आवास परियोजना के लिए घर खरीदारों से मिलने वाली अग्रिम राशि का 70 एक एस्क्रो खाते में जमा किया जाना अनिवार्य होता है. मतलब घर खरीदार जो भी पैसा बिल्डर को देंगे, उसका 70 प्रतिशत एस्क्रो खाते में जाएगा. बाकी का 30 परसेंट पैसा बिल्डर को जाता है, जिससे वह प्रोजेक्ट को पूरा करता है. जैसे-जैसे परियोजना की प्रगति होती है, वैसे-वैसे उसको एस्क्रो अकाउंट से पैसे जारी कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बिल्डर घर खरीदारों के पैसे इस्तेमाल किसी दूसरे काम या प्रोजेक्ट में न कर सके.
पांच परियोजनाओं के खुले थे खाते
कुछ साल पहले ग्रुप हाउसिंग की चार और एक व्यावसायिक परियोजना के एस्क्रो एकाउंट खोले गए थे. इनमें ग्रुप हाउसिंग में लॉजिक्स बिल्डर और व्यावासयिक में वेब ग्रुप की एक परियोजना शामिल थी. प्राधिकरण की ओर से एकाउंट से संबंधित कुछ जानकारी मांगी थी, जो बिल्डर ने नहीं दी, ऐसे में वह एकाउंट भी औपचारिकता बनकर रह गए.