स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया के समय भेजे जाए संबंधित विषय के ऑब्जर्वर: एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस

Update: 2022-08-07 06:07 GMT

दिल्ली न्यूज़: फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने डीयू कुलपति को पत्र लिख कॉलेजों में चल रही शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया के समय जिस विभाग में साक्षात्कार हो रहे हैं उसी से संबंधित ऑब्जर्वर भेजे जाने की मांग की है। फोरम का कहना है कि किसी भी विषय में दूसरे विषय का ऑब्जर्वर होने के कारण वह सलेक्शन कमेटी के समक्ष अपनी बात नहीं रख पाता है और सलेक्शन कमेटी भी उसे महत्व इसीलिए नहीं देती है कि ऑब्जर्वर संबंधित विषय की जानकारी नहीं रखता।

डीयू कुलपति को लिखा पत्र: फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय कुलपति प्रो.योगेश ङ्क्षह को लिखें पत्र में बताया है कि डीयू से संबद्ध कॉलेजों में लंबे समय के बाद शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई है। एक समय ऐसा था जब डीयू के विभागों में एससी/एसटी व ओबीसी कोटे के शिक्षक नहीं थे जिसके कारण कॉलेजों में होने वाली नियुक्तियों के समय जो विभागों में शिक्षक उपलब्ध थे उन्हें ही ऑब्जर्वर बनाकर भेजा जाता था। उन ऑब्जर्वर के निर्णयों को प्रिंसिपल, कॉलेज प्रबंध समिति के चेयरमैन व सलेक्शन कमेटी के सदस्य मानते थे लेकिन अब अधिकांश ऑब्जर्वर विषय से संबंधित न होने के कारण अपना पक्ष नहीं रख पाते हैं। उनके अनुसार यदि साक्षात्कार हो रहा है तो उसमें एससी/एसटी व ओबीसी से संबंधित विभाग से विषय का ऑब्जर्वर भेजा जाना चाहिए। ताकि वह सेलेक्शन कमेटी के द्वारा इंटरव्यू के समय पूछे जा रहे प्रश्नों पर ध्यान रखें व सेलेक्शन के समय सही निर्णय लेते हुए अभ्यर्थियों के साथ न्याय कर सके ।

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