एनिमल हसबेंडरी विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश, दिल्ली में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की आशंका
दिल्ली न्यूज़: राजधानी में अचानक सूअरों की मौत होने के मामला प्रकाश में आने के बाद दिल्ली में भी सुअरों के बीच फैलने वाली अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फैलने की आशंका जताई जा रही है। मंगलवार को महरौली इलाके में 20 से ज्यादा सूअरों का मामला सामने आया था जबकि बुधवार को भी दक्षिणीपुरी के सेक्टर-5 में एमसीडी स्कूल के पास तीन सूअरों के नाले में मृत पड़े होने की सूचना दिल्ली नगर निगम के दक्षिणी निगम जोन के नियंत्रण कक्ष को मिली। स्थानीय लोगों व निगम के कुछ कर्मचारियों ने सुअरों के मरने की घटना की पुष्टि की है। गौरतलब है कि अफ्रीका में सूअरों के बीच स्वाइन फ्लू फैलने से हजारों सूअरों की मौत हो चुकी है और देश के कुछ राज्यों में भी सूअरों में स्वाइन फ्लू फैलने से सैंकड़ों सूअर की मौत हो चुकी है।
इधर महरौली में सूअरों के मौत के मामले में दिल्ली सरकार के एनिमल हसबेंडरी यूनिट ने सूअरों की मौत के कारण जानने के लिए मृत सूअरों के नमूने ले लिए हैं। यूनिट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने अधिकारियों के लिए आदेश तथा एवाइजरी जारी की है। यूनिट आदेश के तहत मंगलवार को महरौली क्षेत्र में सूअरों की असामान्य मृत्यु को देखते हुए सभी पशु चिकित्सा अधिकारी व उप-पशुपालन इकाई के निदेशकों को सतर्क किया गया है। कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुअरों की आबादी में अफ्रीकी स्वाइन बुखार होने का उच्च जोखिम है। इस कारण विभाग अपने अधिकार क्षेत्र में सूअरों में असामान्य बीमारी या मृत्यु दर पर कड़ी नजर रखते हुए तत्काल तैयारी के कदम उठाए। दिल्ली में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के प्रवेश को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है क्योंकि हाल ही में पड़ोसी राज्यों में अफ्रेीकी स्वाइन बुखार की सूचना मिली है। ेसभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने पदस्थापन स्थान के आसपास निगरानी करें। यदि सूअरों में असामान्य बीमारी व मृत्यु की कोई घटना दर्ज की जाती है तो आवश्यक कदम उठाए जाएं और निदेशालय या नोडल अधिकारी, संक्रामक और जूनोटिक रोग, पशुपालन इकाई को सूचित करें।
नहीं फैलता इंसानों व अन्य पशुओं में: एनिमल हसबेंडरी यूनिट के एडवाइजरी में कहा गया है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू घरेलू सूअरों, जंगली सूअर सूअरों का एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है। यह बीमारी सभी नस्लों और उम्र के सुअर प्रजातियों को संक्रमित करता है, इसमें मृत्यु दर 100 प्रतिशत है। लेकिन यह अफ्रीकन स्वाइन फ्लू मनुष्यों या अन्य पशुधन प्रजातियों को संक्रमित नहीं करता है इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है।