Future Retail मामले में अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने अनुमति नहीं, 11 फरवरी को अगली सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court) ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की मंजूरी।
उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court) ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की मंजूरी के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने की मंजूरी देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. वहीं कोर्ट ने संबंधित पक्षों को इस समूचे विवाद के बारे में एक संक्षिप्त नोट जमा करने को कहा. इसके साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्यूचर समूह (Amazon Future Retail) के बीच छिड़े विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा. यह विवाद रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail) के 24,731 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर छिड़ा हुआ है. अमेजन इस सौदे का विरोध कर रही है.
शुक्रवार को होगी मामले में सुनवाई
न्यायमूर्ति हरि शंकर ने कहा कि उनके समक्ष मामले से जुड़ी कई याचिकाएं रखी गई हैं. उन्होंने संबंधित पक्षों को इस समूचे विवाद के बारे में एक संक्षिप्त नोट जमा करने को कहा. इस नोट में सभी याचिकाओं के बीच के संबंध और सुनवाई में प्राथमिकता वाले मामलों के बारे में बताने को कहा गया है. न्यायमूर्ति हरि शंकर ने कहा, ''हम इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेंगे. लेकिन इसके पहले कुछ हद तक जमीनी तैयारी कर लें.'' उच्चतम न्यायालय ने गत एक फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन आदेशों को खारिज कर दिया था जिसमें फ्यूचर समूह और इसके निदेशकों की संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया गया था. इसके अलावा इस सौदे में अंतिम मध्यस्थता निर्णय पर स्थगन आदेश देने से भी मना कर दिया था. इसके बाद मामले से संबंधित पक्षों ने फिर से उच्च न्यायालय का रुख किया है.
अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने की मंजूरी नहीं
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की मंजूरी के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने की मंजूरी देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लिखित निवेदन दाखिल करने के अमेजन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. देरी से यह अनुरोध किए जाने से नाखुश पीठ ने कहा कि यह एक 'आरामदायक मुकदमा' नजर आता है. मु्ख्य न्यायाधीश ने कहा, ''आप मामले को जटिल बनाना चाहते हैं. आप इसे खींचना चाहते हैं ताकि सुनवाई चलती रहे. अगर मैं आपके अनुरोध को स्वीकार कर लेता हूं तो फिर मुझे दूसरे पक्ष को भी मंजूरी देनी होगी। अगर आप पिछली तारीख पर ही इसकी मांग करते तो वह अलग बात होती.'' मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ ने गत तीन फरवरी को हुई पिछली सुनवाई में मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने की बात कही थी. इस याचिका में एफआरएल ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी मांगी है. रिलायंस रिटेल ने 24,731 करोड़ रुपये में एफआरएल के अधिग्रहण का करार किया है लेकिन अमेजन इस सौदे को अपने निवेश समझौते का उल्लंघन बता रही है.