अधूरे बिल्डर प्रोजेक्ट का आवंटन रद्द होगा, जीबीसी के लिए नई स्कीमें जल्द लाने के निर्देश
नोएडा न्यूज़: प्राधिकरण से आवंटित भूखंड के एवज में बकाया धनराशि न देने और प्रोजेक्ट अधूरा छोड़ने वाले बिल्डरों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने अधिकारियों को ये निर्देश दिए. सीईओ ने आवंटन निरस्त होने से प्राप्त भूखंडों अगली योजना में शामिल कर आवंटित करने के लिए कहा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने बिल्डर, वाणिज्यकर, उद्योग व संस्थागत विभाग की समीक्षा की. सीईओ के निर्देश पर बिल्डरों को आवंटित भूखंडों पर निर्माण की वास्तविक स्थिति जानने के लिए प्राधिकरण करी एंड ब्राउन एजेंसी से सर्वे करा रहा है. एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण निर्णय लेगा.
जिन बिल्डरों ने अभी तक काम शुरू भी नहीं किया है, जबकि प्रोजेक्ट को पूरा करने का समय बीत चुका है और प्राधिकरण का पैसा भी नहीं दे रहे. उन आवंटनों को सबसे पहले निरस्त किया जाएगा. कोर्ट या एनसीएलटी में चल रहे प्रकरणों पर इस तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी.
बिल्डर प्रोजेक्टों के जिन टावरों में लोग रह रहे हैं, उन पर भी यह कार्रवाई नहीं की जाएगी. ऐसे भूखंडों को कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटन किया जाएगा. इसी तरह अन्य संपत्तियों के बड़े बकायेदारों के आवंटनों को भी निरस्त करने के लिए सीईओ ने निर्देश दिए हैं. सीईओ ने कहा कि जिन उद्यमियों ने भूखंड लेने के बाद नक्शा भी पास नहीं कराया है, उनका आवंटन रद्द करें. कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट के बिना चल रहे उद्योगों को भी प्राधिकरण नोटिस जारी करेगा.
शिविर लगने से 5000 खरीदारों को मिला मालिकाना हक ग्रेटर नोएडा के खरीदारों के नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री करने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं. अब तक 29 शिविर लगाए गए हैं जिससे लगभग 1000 फ्लैटों की रजिस्ट्री हुई है. सीईओ की रिव्यू बैठक में विभाग की तरफ से यह जानकारी साझा की गई. सीईओ की पहल पर प्रति फ्लैट के हिसाब से भी रजिस्ट्री करने की अनुमति दी गई है, जिसके चलते 4000 फ्लैट खरीदारों को मालिकाना हक मिल सकेगा.